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एम्स भोपाल ने गौचर रोग जागरूकता दिवस मनाया, शीघ्र निदान और उपचार पर दिया जोर

भोपाल: 29 अक्टूबर 2025

एम्स भोपाल लगातार दुर्लभ बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके निदान एवं उपचार की समझ को सुदृढ़ करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। इसी क्रम में, एम्स भोपाल ने 28 अक्टूबर 2025 को ‘गौचर डिजीज़ अवेयरनेस मंथ’ के अंतर्गत गौचर रोग पर जन-जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित कीं, जिनका उद्देश्य इस दुर्लभ अनुवांशिक रोग के प्रति जन-सामान्य की समझ बढ़ाना और शीघ्र निदान व उपचार के महत्व को रेखांकित करना था।

यह कार्यक्रम एम्स भोपाल के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेयर डिजीज़ के मार्गदर्शन में बाल रोग विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया। इसमें कार्यपालक निदेशक, चिकित्सा अधीक्षक, रेयर डिजीज़ सीओई के नोडल अधिकारी, डॉक्टर्स फॉर यू संगठन तथा ‘लाइसोज़ोमल स्टोरेज डिज़ॉर्डर्स सपोर्ट सोसाइटी’ (एलएसडीएसएस) के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। एलएसडीएसएस के अध्यक्ष श्री मंजीत सिंह ने वर्चुअल रूप से जुड़कर इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और एम्स भोपाल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर ने संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि एम्स भोपाल दुर्लभ बीमारियों के निदान एवं उपचार संबंधी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि समय पर पहचान और उन्नत चिकित्सा हस्तक्षेप से गौचर रोग और अन्य लाइसोज़ोमल स्टोरेज डिज़ॉर्डर्स से पीड़ित मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया जा सकता है। चिकित्सा अधीक्षक (प्रभारी) प्रो. (डॉ.) विकास गुप्ता ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रम मरीजों, परिजनों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच की दूरी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने एम्स भोपाल द्वारा की जा रही बहुविषयक पहल की भी सराहना की, जो दुर्लभ बीमारियों के शीघ्र निदान और प्रबंधन में सहायक हैं।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेयर डिजीज़ की नोडल अधिकारी प्रो. (डॉ.) भावना ढींगरा ने एम्स भोपाल की चल रही पहलों की जानकारी साझा की, जिनमें जेनेटिक काउंसलिंग, मरीज सहायता सेवाएँ और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ सहयोग शामिल है। कार्यक्रम के दौरान जागरूकता पोस्टर और शैक्षणिक सामग्री भी वितरित की गईं ताकि जनता और स्वास्थ्य कर्मियों को गौचर रोग के लक्षणों, आनुवंशिक पैटर्न और उपलब्ध उपचार विकल्पों की जानकारी दी जा सके। गौचर रोग से प्रभावित मरीजों और उनके परिजनों ने अपने अनुभव साझा किए और एम्स भोपाल में मिल रही बहुविषयक देखभाल की प्रशंसा की। एम्स भोपाल ने दुर्लभ बीमारियों के क्षेत्र में शोध, शिक्षा और मरीज देखभाल को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जो सभी के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के राष्ट्रीय मिशन के अनुरूप है। इस अवसर पर “ग्लोबल एक्शन, लोकल इम्पैक्ट: इम्पॉवरिंग कम्युनिटीज फॉर इफेक्टिव सेल्फ-एडवोकेसी” विषय को भी प्रोत्साहित किया गया।

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