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एम्स भोपाल में वर्ल्ड इमरजेंसी डे पर ‘कोड इमरजेंसी’ ऐप का शुभारंभ, मीडिया कर्मियों के लिए सीपीआर एवं फर्स्ट एड प्रशिक्षण का भी आयोजन

भोपाल: 29 मई 2025

एम्स भोपाल में आज वर्ल्ड इमरजेंसी डे के अवसर पर जीवन रक्षक मोबाइल ऐप ‘कोड इमरजेंसी’ का शुभारंभ कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह द्वारा किया गया। यह परिवर्तनकारी ऐप एम्स भोपाल की वन स्टेट वन हेल्थ वन इमरजेंसी पॉलिसी पर आधारित है, जिसका शुभारंभ वर्ष 2024 में मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया गया था। प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने बताया कि इस ऐप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे न केवल स्वास्थ्य कर्मियों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के उपयोग हेतु भी डिज़ाइन किया गया है। यह ऐप हिंदी एवं अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है तथा एक बार डाउनलोड करने के पश्चात यह बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी सुचारु रूप से कार्य करता है। इस ऐप में ऑडियो-विज़ुअल दिशानिर्देशों के माध्यम से कहीं भी सीपीआर (CPR) देकर किसी की जान बचाने की सुविधा प्रदान की गई है। ऐप में सभी आयु वर्गों के लिए उपयुक्त निर्देश सम्मिलित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, ऐप में वन स्टेट वन हेल्थ वन इमरजेंसी पॉलिसी पर आधारित एक ड्रॉपडाउन मेनू भी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से विभिन्न आपातकालीन स्थितियों एवं बीमारियों की जानकारी सरलता से प्राप्त की जा सकती है। ‘कोड इमरजेंसी’ ऐप शीघ्र ही गूगल प्ले स्टोर पर निःशुल्क डाउनलोड हेतु उपलब्ध होगा। यह ऐप न केवल आम नागरिकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, बल्कि डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए भी एक क्रांतिकारी उपकरण के रूप में कार्य करेगा। इस ऐप के विकास में डॉ. शहताज खान, डॉ. श्रुति दुबे एवं डॉ. भूपेश्वरी पटेल की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “मीडिया ही वह माध्यम है, जो इस महत्वपूर्ण ऐप के प्रति जनजागरूकता ला सकता है। मैं मीडिया से आग्रह करता हूँ कि इस ऐप का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे अधिक से अधिक जीवनों की रक्षा की जा सके।” इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) मोहम्मद यूनुस (ट्रॉमा एवं एमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख), डॉ. शहताज खान, डॉ. भूपेश्वरी पटेल, डॉ. विक्रम वट्टी, डॉ. श्रुति दुबे, डॉ. रश्मि वर्मा, डॉ. अमित प्रियदर्शी, डॉ. पूजा थावरे सहित अन्य संकाय सदस्य, नर्सिंग अधिकारी एवं रेज़िडेंट डॉक्टर उपस्थित रहें।

इसी कार्यक्रम के अंतर्गत मीडिया कर्मियों के लिए सीपीआर एवं फर्स्ट एड प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में पत्रकारों को सीपीआर देने की व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। चूंकि पत्रकारों को अक्सर विषम परिस्थितियों एवं दुर्घटनास्थलों से रिपोर्टिंग करनी होती है, ऐसे में उन्हें सीपीआर जैसे जीवन रक्षक उपायों का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है, जिससे वे आपातकालीन परिस्थितियों में प्रभावी सहायता प्रदान कर सकें।

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