एम्स भोपाल ने नन्हें योद्धाओं को कैंसर के खिलाफ सशक्त किया

भोपाल: 30 सितंबर 2025
एम्स भोपाल ने सितंबर 2025 के दौरान बाल्यावस्था कैंसर जागरूकता माह पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इसका समापन समारोह 30 सितंबर 2025 को आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत जागरूकता रैली से हुई, जिसमें कैंसर से जूझ रहे बच्चों ने भाग लिया। इस रैली को कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बच्चों ने ” एम्स में आना है – कैंसर को हराना है” और ” बच्चों के कैंसर को – धिशुम धिशुम” जैसे नारे लगाए। बाल्यावस्था कैंसर से उबर चुके बच्चों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर समाज को यह संदेश दिया कि उन्होंने कैंसर से लड़कर जीत हासिल की और अन्य लोग भी एम्स भोपाल तथा कैंकिड्स-किडस्कैन जैसी संस्थाओं की मदद से कैंसर से लड़ सकते हैं।
एम्स भोपाल में बच्चों के कैंसर के इलाज हेतु सभी आधुनिक सुविधाएँ और प्रशिक्षित चिकित्सा टीम उपलब्ध है। बाल्यावस्था हेमेटोलॉजिस्ट ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र चौधरी ने बताया कि अब तक पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी क्लिनिक में 1100 पंजीकरण हो चुके हैं। लगभग 150 बच्चों ने अपना इलाज पूरा कर लिया है और लगभग 300 बच्चे वर्तमान में इलाजरत हैं। लगभग 20 बच्चों ने 5 वर्ष का उपचार पूरा किया है, जिसके बाद उन्हें व्यावहारिक रूप से स्वस्थ माना जा सकता है।
विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) शिखा मलिक ने अतिथियों का स्वागत किया और बच्चों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने सामाजिक संगठनों से आग्रह किया कि वे लंबे समय तक उपचार ले रहे बच्चों के मनोरंजन हेतु नियमित छोटे कार्यक्रम आयोजित करें। उप निदेशक (प्रशासन) श्री संदेश कुमार जैन ने कैंसर से लड़ रहे बच्चों के मजबूत संकल्प की सराहना की। कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने बाल रोग विभाग और अन्य विभागों को बच्चों को कैंसर से मुक्त करने के लिए उनके सामूहिक प्रयासों हेतु बधाई दी। उन्होंने दुर्गाष्टमी के अवसर पर मां दुर्गा से प्रार्थना की कि वे इन बच्चों को कैंसर से लड़ने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि बढ़ते बाल्यावस्था कैंसर मामलों के कारण समय पर जांच और उपचार की शुरुआत के लिए जागरूकता आवश्यक है। बाल्यावस्था कैंसर का 80% इलाज संभव है, यदि उपचार सही समय पर और पूरी तरह किया जाए।
इस अवसर पर विभिन्न प्रश्नोत्तरी एवं पोस्टर/चित्रकला प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरित किए गए। नए मरीजों के लिए रोग संबंधी जानकारी पत्रक और नजदीकी डॉक्टरों हेतु दिशानिर्देश भी जारी किए गए। इससे मरीज बीमारी और उसके इलाज को बेहतर समझ सकेंगे और आपात स्थिति में साझा देखभाल सिद्धांत के अंतर्गत अपने घर के पास भी कुछ उपचार प्राप्त कर सकेंगे, जबकि मुख्य उपचार योजना एम्स भोपाल में तय की जाएगी।
कार्यक्रम का समापन डॉ. अंबर कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर विभागों के प्राध्यापक और चिकित्सक उपस्थित रहे जिनमें बाल रोग विभाग से प्रो. महेश महेश्वरी, प्रो. भावना ढींगरा, प्रो. गिरीश भट्ट, पैथोलॉजी विभाग से प्रो. वैशाली वाल्के, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग से प्रो. मनीष गुप्ता एवं डॉ. सैकत दास, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन से डॉ. मयंक दीक्षित, एनाटॉमी विभाग से प्रो. बर्था ए.डी. रथिनाम, मेडिकल ऑन्कोलॉजी-हेमेटोलॉजी से डॉ. गौरव ढींगरा तथा पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग से प्रो. प्रमोद शर्मा शामिल थे। कार्यक्रम को एनजीओ संस्थान कैंकिड्स-किडस्कैन ने सहयोग प्रदान किया।