
भोपाल/कोटा: 24 सितम्बर 2025
कोटा मंडल के दाढ़देवी स्टेशन पर रेलवे में संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम, जानमाल की सुरक्षा तथा आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित राहत कार्यों की तत्परता को परखने के उद्देश्य से पश्चिम मध्य रेलवे एवं 6वीं एनडीआरएफ बटालियन की टीम द्वारा संयुक्त फुल-स्केल मॉक ड्रिल अभ्यास आयोजित किया गया।
इस मॉक ड्रिल में काल्पनिक दुर्घटना के रूप में गाड़ी संख्या 01294 अप (भगत की कोठी -नागपुर) के 06 कोचों के अवपथित होने एवं उनमें से एक कोच के दूसरे पर चढ़ जाने की स्थिति को प्रदर्शित किया गया। इस काल्पनिक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल यात्रियों के फंसे होने की सूचना शाम 18:50 बजे लोको पायलट द्वारा दी गई। तत्पश्चात 18:53 बजे दाढ़देवी स्टेशन मास्टर द्वारा कोटा कंट्रोल ऑफिस को सूचित कर हूटर बजाया गया। जानकारी मिलते ही मंडल रेल प्रबंधक श्री अनिल कालरा, अपर मंडल रेल प्रबंधक-Ⅰ श्री ललित धुरंधर, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री गोरधन मीना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तत्काल दुर्घटना स्थल पर पहुंचे।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन दल, रेलवे सुरक्षा कर्मी एवं चिकित्सा टीम ने बोगियों में फंसे यात्रियों को निकालने और प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने का सफल अभ्यास किया। रेस्क्यू ऑपरेशन के पश्चात समय 20:52 बजे इसे औपचारिक रूप से मॉक ड्रिल घोषित किया गया। इस अभ्यास का नेतृत्व एनडीआरएफ की अजमेर इकाई ई/6 कंपनी के डिप्टी कमांडेंट श्री योगेश कुमार मीना ने किया। अभ्यास में रेलवे के संरक्षा, परिचालन, संकेत एवं दूरसंचार, यांत्रिक, विद्युत, अभियान्त्रिकी, कर्षण वितरण, वाणिज्य, चिकित्सा, कार्मिक विभाग सहित नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, स्काउट-गाइड एवं सांस्कृतिक दल ने सक्रिय भागीदारी की। इस दौरान प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी श्री प्रवीण खोराना, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (यांत्रिक) श्री पी. निम्बालकर (जबलपुर), मंडल रेल प्रबंधक श्री अनिल कालरा, अपर मंडल रेल प्रबंधक-Ⅰ श्री ललित धुरंधर एवं वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री गोरधन मीना स्थल पर मौजूद रहे, वहीं अपर मंडल रेल प्रबंधक-Ⅱ श्री योगेश कुमार मित्तल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी रेलवे कंट्रोल कक्ष, कोटा में उपस्थित रहे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य रेलवे तथा राज्य एवं केन्द्र सरकार की आपदा प्रबंधन एजेंसियों की तत्परता, सजगता एवं समयबद्ध कार्यवाही की परख करना तथा अभ्यास के दौरान प्राप्त खामियों को दूर कर भविष्य में और अधिक प्रभावी आपदा प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित करना रहा।




