ओ.आर.एस. से डायरिया पर प्रहार: एम्स भोपाल में जागरूकता सप्ताह का आयोजन

भोपाल: 30 जुलाई 2025
एम्स भोपाल अपने कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में जनस्वास्थ्य के प्रति निरंतर समर्पित रहते हुए जनजागरूकता गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। इसी क्रम में, संस्थान के बाल रोग विभाग की स्मार्ट यूनिट द्वारा 25 से 31 जुलाई 2025 के बीच विश्व ओ.आर.एस. सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य आमजन में ओ.आर.एस. (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के महत्व, सही उपयोग और उससे जुड़ी व्यावहारिक जानकारियों को सरल भाषा में साझा करना है। इस जागरूकता सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को यह बताया गया कि घर पर ओ.आर.एस. बनाने के लिए एक लीटर उबले और ठंडे किए गए साफ पानी में छह चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक मिलाकर एक पारदर्शी घोल तैयार किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी समझाया गया कि बाजार में उपलब्ध ओ.आर.एस. पैकेट को कैसे एक लीटर साफ पानी में घोलकर प्रयोग में लाया जाए। प्रतिभागियों को यह भी सलाह दी गई कि ओ.आर.एस. घोल 24 घंटे के भीतर ही उपयोग कर लिया जाना चाहिए और हर डायरिया के मामले में तुरंत इसकी शुरुआत की जानी चाहिए। कार्यक्रम में लाइव डेमो के माध्यम से ओ.आर.एस. तैयार करने की विधि बताई गई और उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों व आम नागरिकों को इसके महत्व की व्यावहारिक जानकारी दी गई।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि एम्स भोपाल जनजागरूकता को स्वास्थ्य सेवाओं का अभिन्न अंग मानता है। डायरिया जैसे सामान्य लेकिन संभावित रूप से जानलेवा लक्षणों से बचाव के लिए ओ.आर.एस. एक सशक्त साधन है। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और कमजोर वर्गों में स्वास्थ्य साक्षरता बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक परिवार ओ.आर.एस. के उपयोग से परिचित हो और किसी भी इमरजेंसी में इसका सही उपयोग कर सके। कार्यक्रम में बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष ने कहा कि डायरिया और उल्टी जैसी स्थितियों में शरीर से अत्यधिक पानी और लवण की कमी हो जाती है, जो विशेष रूप से बच्चों और वृद्धजनों के लिए जानलेवा हो सकती है। ऐसे में ओ.आर.एस. एक जीवन रक्षक समाधान है, जो शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति कर डिहाइड्रेशन से बचाता है।