एम्स भोपाल में भीष्म क्यूब्स (BHISHM CUBES) का अनावरण: आपात स्थितियों में ‘गोल्डन आवर’ के दौरान जीवनरक्षक सेवाओं की नई पहल

भोपाल: 04 जुलाई 2025
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकालीन तैयारियों को सुदृढ़ करने की दिशा में लगातार अग्रसर है। इसी क्रम में 4 जुलाई 2025 को एम्स भोपाल के ट्रॉमा एवं आपातकालीन चिकित्सा विभाग द्वारा ‘भीष्म क्यूब्स (BHISHM CUBES)’ के उद्घाटन और प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। BHISHM (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित और मैत्री) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है, जिसे HLL लाइफकेयर लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है। यह मोबाइल अस्पताल आपदा या मानवीय संकट के समय में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं। BHISHM CUBES को आपदा स्थल पर तेजी से स्थापित किया जा सकता है, जिससे ‘गोल्डन आवर’ के भीतर आवश्यक चिकित्सा सेवाएं दी जा सकें और जानें बचाई जा सकें। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) अजय सिंह उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में श्री तरुण राठी (स्वास्थ्य आयुक्त), डॉ. प्रभाकर तिवारी (संयुक्त निदेशक, एनएचएम), एवं श्री सुधीर द्विवेदी (उप निदेशक, डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, भोपाल) शामिल हुए। कार्यक्रम में HLL टीम द्वारा येलो ट्रायाज क्षेत्र में BHISHM CUBES की स्थापना और प्रदर्शनी की गई। इसके साथ ही एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) डॉ. तनमय रॉय द्वारा एक विस्तृत स्लाइड प्रस्तुति दी गई और उनकी टीम ने BHISHM CUBES की क्षमताओं का लाइव प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान ट्रॉमा एवं आपातकालीन विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. भूपेश्वरी पटेल ने जीवन रक्षक मोबाइल ऐप ‘कोड इमरजेंसी’ पर एक लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी प्रस्तुत किया। इस ऐप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे न केवल स्वास्थ्य कर्मियों, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। यह ऐप हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है और एक बार डाउनलोड किए जाने के बाद यह बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी सुचारु रूप से कार्य करता है। इसमें ऑडियो-विजुअल दिशानिर्देशों के माध्यम से किसी भी स्थान पर सीपीआर (CPR) देकर किसी व्यक्ति की जान बचाने की सुविधा प्रदान की गई है। इस अवसर पर डॉ. रजनीश जोशी (डीन अकादमिक्स), प्रो. (डॉ.) मोहम्मद यूनुस (ट्रॉमा एवं एमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख), डॉ. भूपेश्वरी पटेल, डॉ. विक्रम वट्टी(उप चिकित्सा अधीक्षक), डॉ. श्रुति दुबे, डॉ. रश्मि वर्मा, डॉ. अमित प्रियदर्शी, डॉ. पूजा थावरे सहित अन्य संकाय सदस्य, नर्सिंग अधिकारी एवं रेज़िडेंट डॉक्टर उपस्थित रहें।
इस कार्यक्रम के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “BHISHM CUBES का प्रदर्शन भारत की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये मोबाइल मॉड्यूलर अस्पताल आपदा स्थलों पर पहुंचकर तत्काल जीवनरक्षक चिकित्सा सेवा प्रदान कर सकते हैं, जो ‘गोल्डन आवर’ के दौरान अनमोल जीवन बचाने में सहायक होते हैं। मैं इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी आयोजकों, प्रतिभागियों एवं गणमान्य अतिथियों का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ। साथ ही मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि मॉक ड्रिल्स अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और हमें भविष्य में जैविक या रासायनिक युद्ध जैसी संभावित स्थितियों के लिए पहले से ही सजग और तैयार रहना चाहिए, क्योंकि हमारी तैयारी ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”