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एम्स भोपाल में “गोल्डन ऑवर, प्लेटिनम डिसीजन” थीम पर विश्व ट्रॉमा दिवस 2025 पर राष्ट्रीय सीएमई, सीएनई एवं कार्यशाला का आयोजन

भोपाल: 13 अक्टूबर 2025

एम्स भोपाल ने भारतीय ट्रॉमा एवं एक्यूट केयर सोसाइटी (ISTAC) और इंडियन कॉलेज ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के सहयोग से “गोल्डन ऑवर, प्लेटिनम डिसीजन” थीम पर विश्व ट्रॉमा दिवस 2025 के अवसर पर राष्ट्रीय सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा), सीएनई (सतत नर्सिंग शिक्षा) एवं कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देशभर के ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विशेषज्ञों, मेडिकल विद्यार्थियों और नर्सिंग प्रोफेशनल्स ने भाग लिया। पूरे दिन चले इस आयोजन में ट्रॉमा केयर को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए व्याख्यान, चर्चाएं और प्रायोगिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए।

यह सम्मेलन हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया गया जिसमें एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने समय पर ट्रॉमा रिस्पॉन्स की महत्ता पर जोर दिया और कहा कि एम्स जैसे संस्थान देश में ट्रॉमा केयर प्रोटोकॉल और आपातकालीन तैयारी को सुदृढ़ बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम में एक साथ दो शैक्षणिक सत्र — कंटीन्यूड मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) और कंटीन्यूड नर्सिंग एजुकेशन (सीएनई) आयोजित किए गए। इस अवसर पर एम्स भोपाल के डीन (शैक्षणिक) प्रो. (डॉ.) रजनीश जोशी ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) अमित गुप्ता (जनरल सेक्रेटरी (एशियन कोलैबोरेशन फॉर ट्रॉमा) एवं प्रोफेसर, ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर डिवीजन, जेपीएनएटीसी, एम्स नई दिल्ली) तथा प्रो. (डॉ.) महिम कोशरिया (अध्यक्ष एएसआई (मध्यप्रदेश चैप्टर) एवं प्रोफेसर, जनरल सर्जरी, जीएमसी भोपाल) विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के वरिष्ठ संयुक्त निदेशक डॉ. प्रभाकर तिवारी भी उपस्थित रहे और इस पहल की राष्ट्रीय प्रासंगिकता की सराहना की। एम्स भोपाल के ट्रॉमा एवं इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एम. डी. यूनुस ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। सीएमई सत्रों में एम्स नई दिल्ली, एम्स भोपाल, जीएमसी भोपाल तथा अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए। स्किल लैब में एयरवे मैनेजमेंट, FAST (ट्रामा में सोनोग्राफी के साथ विस्तारित केंद्रित मूल्यांकन) अल्ट्रासाउंड, ट्रॉमा रेडियोलॉजी, चेस्ट ट्यूब इंसर्शन और डिजास्टर ट्रायाज जैसे विषयों पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। साथ ही सीएनई कार्यक्रम में नर्सिंग प्रोफेशन में प्रोफेशनलिज्म और ट्रॉमा रिस्पॉन्स पर विशेष जोर दिया गया। नर्सिंग विद्यार्थियों ने सी.पी.आर, स्यूचरिंग, यूरिनरी कैथेटराइजेशन और ऑपरेटिंग थिएटर इंस्ट्रूमेंटेशन जैसे प्रायोगिक स्टेशनों में सक्रिय रूप से भाग लिया।

इस आयोजन में मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ सहित लगभग 500 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम को सफल और शानदार बनाने में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के फैकल्टी सदस्यों की सक्रिय भागीदारी और कॉलेज ऑफ नर्सिंग की डॉ. ममता वर्मा के मार्गदर्शन में नर्सिंग टीम का विशेष सहयोग रहा। इन सत्रों का उद्देश्य नर्सिंग प्रोफेशनल्स में ट्रॉमा केयर की तैयारी, आत्मविश्वास और दक्षता को बढ़ाना था। विविध शैक्षणिक सत्रों, स्किल मॉड्यूल्स और विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी के साथ यह आयोजन एम्स भोपाल की ट्रॉमा शिक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करता है।

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