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एम्स भोपाल ने छात्राओं को कैंसर और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया

भोपाल: 27 सितंबर 2025

सार: सितम्बर माह में ऐम्स भोपाल द्वारा बच्चों को कैंसर पर विशेष जागरूकता लेकर गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। स्थानीय महाविद्यालय के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम और क्विज़ प्रतियोगिता आयोजित हुई। छात्राओं ने “बचपन के कैंसर” के लक्षण, शुरुआती पहचान और उपचार के बारे में सीखा। गर्भाशय ग्रीवा व स्तन कैंसर की रोकथाम तथा एचपीवी टीकाकरण पर जानकारी भी दी गई। स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत छात्राओं को हाथ धोने की सही विधि सिखाई गई।

विस्तार: सितम्बर माह बच्चों के कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर के नेतृत्व में एम्स भोपाल पूरे महीने विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित कर रहा है। इसी क्रम में शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, भोपाल के सहयोग से एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि माननीय विधायक श्री भगवान दास सबनानी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में बच्चों के कैंसर पर जागरूकता व्याख्यान दिया गया और छात्राओं के लिए ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। छात्राओं ने पूरे उत्साह से भाग लिया और महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं। क्विज़ की विजेता रही मिस आयमान बीबी, महक नामदेव और अवंतिका तिवारी। छात्राओं ने जाना कि बच्चों के कैंसर के लक्षण क्या होते हैं, कैसे समय पर जाँच और इलाज से जान बचाई जा सकती है। उन्हें यह भी बताया गया कि बच्चे की आँख में सफेद चमक दिखाई देना कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है, जिसे समय रहते पहचानने पर जीवन और आँख दोनों सुरक्षित रखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि अधिकांश कैंसर बच्चों में पूरी तरह ठीक हो सकते हैं, यदि उन्हें जल्दी पहचान लिया जाए।

इसी क्रम में “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान (17 सितम्बर – 2 अक्टूबर 2025) के तहत छात्राओं को स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की शुरुआती पहचान के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से बचाव के लिए ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) का टीका उपलब्ध है। यह टीका 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों को दो खुराक में तथा 14 से 26 वर्ष की आयु की लड़कियों को तीन खुराक में दिया जाता है। विशेषज्ञों ने कहा कि हर लड़की को यह टीका अवश्य लगवाना चाहिए।

कार्यक्रम में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत छात्राओं को हाथ धोने की सही तकनीक भी सिखाई गई। बताया गया कि हाथ धोना संक्रमण से बचने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है, चाहे घर-परिवार में हो या अस्पताल में। इस कार्यक्रम का समन्वय कैनकिड्स की सोशल वर्कर सुश्री कंचना भरांबे और चाइल्डहुड ल्यूकेमिया प्रोजेक्ट के श्री के. प्रशांत ने किया। आयोजन महाविद्यालय की टीम ने प्राचार्य डॉ. अजय अग्रवाल के नेतृत्व में किया। क्विज़ मास्टर के रूप में पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी डीएम रेज़िडेंट डॉ. पक्कीरेश रेड्डी ने संचालन किया। एम्स भोपाल की यह पहल छात्राओं को न केवल जीवनरक्षक जानकारी देती है बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाकर समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी प्रेरित करती है।

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