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एम्स भोपाल में मरीजों की सुरक्षा के लिए चिकित्सा उपकरणों की निगरानी पर कार्यक्रम

भोपाल: 25 सितंबर 2025

एम्स भोपाल के फार्माकोलॉजी विभाग ने मेटेरियो विजिलेंस पर सीएमई आयोजित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य मरीज सुरक्षा और चिकित्सा उपकरणों की निगरानी के महत्व को स्वास्थ्य पेशेवरों तक पहुँचाना था। कार्यक्रम में सामान्य परिचय, रिपोर्टिंग उपकरण, कारण निर्धारण, व्यावहारिक प्रशिक्षण और क्लिनिकल अनुभव पर सत्र आयोजित किए गए। प्रश्नोत्तरी और व्यावहारिक सत्र ने भागीदारी और उत्साह बढ़ाया। इस कार्यक्रम में लगभग 200 स्वास्थ्य पेशेवरों ने भाग लिया, जिससे उपकरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी। प्रतिकूल चिकित्सा उपकरण घटनाओं की रिपोर्टिंग में योगदान देने वाले सभी रिपोर्टर्स की सराहना की गई।

मरीजों की सुरक्षा और उपचार की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से एम्स भोपाल के फार्माकोलॉजी विभाग ने“मेटेरियोविजिलेंस: स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए आवश्यक जानकारी” विषय पर सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था, क्योंकि इससे उन्हें चिकित्सा उपकरणों के सुरक्षित उपयोग और संभावित जोखिमों की पहचान करने में मदद मिलती है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रतिकूल चिकित्सा उपकरण घटनाओं (MDAEs) की रिपोर्टिंग, कारण निर्धारण और उपकरणों की निगरानी के व्यावहारिक तरीके सिखाए गए।

इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर (कार्यपालक निदेशक, एम्स भोपाल) ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए भारत में मजबूत मेटेरियोविजिलेंस प्रथाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। यह कार्यक्रम प्रो. डॉ. बालकृष्णन एस (आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्ष, फार्माकोलॉजी विभाग) के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. डॉ. शिल्पा एन. कौरे (समन्वयक, RTC-AMC मेटेरियोविजिलेंस) ने की। वैज्ञानिक सत्रों में डॉ. अहमद नजमी ने मेटेरियोविजिलेंस का परिचय दिया, डॉ. अजय शुक्ला ने रिपोर्टिंग उपकरण और कारण निर्धारण समझाया, प्रो. डॉ. शिल्पा एन. कौरे ने MDAE रिपोर्टिंग का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया, और डॉ. मनीष (विभाग ऑर्थोपेडिक्स) ने क्लिनिकल अनुभव साझा किया। कार्यक्रम में डॉ. भावना द्वारा आयोजित प्रश्नोत्तरी ने उत्साह और भागीदारी बढ़ाई।

इस प्रशिक्षण से डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी मरीजों को सुरक्षित और बेहतर उपचार देने में सक्षम होंगे। समय पर रिपोर्टिंग के माध्यम से मरीजों को अनावश्यक जोखिम से बचाया जा सकेगा और चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। लगभग 200 स्वास्थ्य पेशेवरों ने इस सीएमई में भाग लिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा और मरीज सुरक्षा के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। विभाग ने सभी रिपोर्टर्स की सराहना और बधाई दी, जिन्होंने मेडिकल डिवाइस एडवर्स इवेंट्स (MDAEs) की रिपोर्टिंग में सक्रिय योगदान दिया और राष्ट्रीय मेटेरियोविजिलेंस कार्यक्रम को मजबूत किया।

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