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सपने से सच्चाई तक : प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में एम्स भोपाल की उल्लेखनीय प्रगति

एम्स भोपाल ने प्रो. (डॉ.) अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ को भावभीनी विदाई दी

भोपाल: 04 अगस्त 2025

एम्स भोपाल ने कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में 2022 से 2025 के बीच स्वास्थ्य सेवाओं, चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। 4 अगस्त 2025 को उनके सफल तीन वर्षीय कार्यकाल की समाप्ति के साथ, एम्स भोपाल ने उन्हें भावुक और हार्दिक विदाई दी। यह अवधि रोगी केंद्रित पहलों, डिजिटलीकरण, शैक्षणिक विस्तार और आधारभूत ढांचे के विकास के साथ संस्थागत उन्नति की उल्लेखनीय कहानी रही है। प्रो. (डॉ.) अजय सिंह का कार्यकाल एम्स भोपाल के इतिहास का एक परिवर्तनकारी अध्याय रहा है। अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों को संस्थान में स्थापित करने से लेकर रोगी हितैषी पहलों को आरंभ करने और कई उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना तक, उनका नेतृत्व समग्र संस्थागत विकास के प्रति प्रतिबद्धता से परिपूर्ण रहा। उनके मार्गदर्शन में शिक्षण, अनुसंधान और रोगी देखभाल के पीएमएसएसवाई जनादेश को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया, और एम्स भोपाल देश के शीर्ष 14 संस्थानों में अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराने में सफल रहा।

इस यात्रा की प्रमुख उपलब्धियों को “बियॉन्ड मेडिसिन: द एम्स भोपाल स्टोरी 2022–2025” नामक कॉफी टेबल बुक में विस्तार से दर्ज किया गया है। इस अवधि में ओपीडी में 134% से अधिक वृद्धि हुई—2022 में 6.06 लाख से बढ़कर 2024 में 14.20 लाख तक पहुंचना स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता को दर्शाता है। आईपीडी में 59.3% की वृद्धि हुई, जो इनपेशेंट सेवाओं की मजबूती को दर्शाता है। सर्जिकल प्रक्रियाओं में 303% और बड़ी सर्जरी में 37.3% की वृद्धि दर्ज की गई—जो ऑपरेटिंग थिएटरों के विस्तार और डिजिटलीकरण का परिणाम है। ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग में रोगियों की संख्या में 133% की वृद्धि हुई, जिसे 24×7 सेवाओं की उपलब्धता, वरिष्ठ चिकित्सकों की सक्रिय उपस्थिति और डिजिटल बेड मैनेजमेंट जैसी सुविधाओं से सशक्त किया गया। लैबोरेटरी जांचों में 91% और रेडियोलॉजिकल जांचों में 66% की वृद्धि हुई, जो उन्नत निदान तकनीकों के समावेश का परिणाम है। रोगियों की सुविधा के लिए ‘एम्स स्वास्थ्य ऐप’ के माध्यम से सेवाओं का डिजिटलीकरण किया गया, जिसके माध्यम से 15 लाख से अधिक क्यूआर-आधारित पंजीकरण और 5.45 लाख से अधिक आभा लिंकिंग की गई।

मध्य भारत में पहली बार एम्स भोपाल में रोबोटिक सर्जरी और 3डी प्रिंट आधारित प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक की गईं। कार्डियक, किडनी, कॉर्निया और बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेवाएं भी प्रारंभ की गईं। संस्थान ने ट्रांसजेंडर, किशोर, जेरियाट्रिक और इनफर्टिलिटी जैसे 106 से अधिक विशेष क्लीनिकों की शुरुआत की, जिससे ओपीडी विज़िट्स में 416% की वृद्धि दर्ज हुई। बोन, स्किन और मिल्क बैंक जैसी नई सेवाओं की शुरुआत भी समग्र स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम रही। साथ ही, ‘सेंटर ऑफ हैपिनेस’ और ‘स्टूडेंट वेलनेस सेंटर’ जैसी पहलें समग्र स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गईं। शैक्षणिक क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग की सीटों में 20% की वृद्धि हुई, वहीं 10 नए पीजी पाठ्यक्रम, 24 सुपर-स्पेशलिटी और 10 सहयोगी स्वास्थ्य पाठ्यक्रम जोड़े गए। वर्ष 2022 से 2025 के बीच संस्थान को ₹62 करोड़ से अधिक की एक्सट्राम्यूरल रिसर्च फंडिंग प्राप्त हुई। टेली-आईसीयू और टेली-क्लासरूम सेवाओं की शुरुआत से परिधीय क्षेत्रों में क्रिटिकल केयर को मजबूती मिली और विशेषज्ञों की रीयल टाइम सहायता सुनिश्चित हुई। इसके अतिरिक्त, कई उत्कृष्टता केंद्रों और एनएबीएल प्रमाणित अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना से कैंसर, संक्रामक रोग और उन्नत निदान सेवाओं को नई दिशा मिली।

विदाई समारोह के दौरान, संकाय सदस्यों ने एम्स भोपाल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया। अपने विदाई संबोधन में उन्होंने कहा, “एम्स भोपाल मेरे लिए सिर्फ एक कार्यस्थल नहीं रहा – यह एक परिवार रहा है। मुझे इस बात पर गर्व है कि हमने मिलकर क्या कुछ हासिल किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने नए दायित्व में भी देश की सेवा करते रहेंगे। अब प्रो. (डॉ.) अजय सिंह उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस), सैफई, उत्तर प्रदेश में कुलपति के पद का दायित्व संभालेंगे। यह विश्वविद्यालय चिकित्सा, नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी और डेंटल साइंसेज जैसी सुव्यवस्थित फैकल्टीज़ के साथ-साथ बहुविशिष्ट और सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों से सुसज्जित है। चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, यूपीयूएमएस ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के स्वास्थ्य तंत्र पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए अग्रसर है।

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