भोपालमध्य प्रदेशराज्यस्वास्थ्य

आपात स्थितियों से निपटने हेतु एम्स भोपाल में अस्पताल प्रशासकों के लिए आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम

भोपाल:18 जुलाई 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान जनस्वास्थ्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में “आपात स्वास्थ्य स्थितियों के लिए अस्पताल प्रशासकीय अधिकारियों की क्षमता संवर्धन” पर आधारित छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो वर्तमान में अपने चौथे दिन में उत्साहपूर्वक संचालित हो रहा है। समुदाय एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग तथा अस्पताल प्रशासन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आपदा प्रबंधन में अस्पताल प्रशासकों की भूमिका को सशक्त बनाना है। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को अस्पताल आपात प्रतिक्रिया प्रणाली (HEIRS), रोगी वर्गीकरण, पूर्व-चिकित्सालय देखभाल, सामूहिक आपदा प्रबंधन और जनहानि प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण रणनीतियों की जानकारी दी गई। साथ ही अस्पताल निकासी योजना, अग्नि सुरक्षा उपाय, तथा रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी, नाभिकीय एवं विस्फोटक (CBRNE) आपदाओं से निपटने के तरीकों पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। आपदा प्रबंधन के मानवीय पहलुओं जैसे मनोसामाजिक समस्याएं, आपदा संचार रणनीति, एवं आपदा के बाद आवश्यक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के उपायों पर भी विशेष सत्र आयोजित किए गए। इस प्रशिक्षण में एम्स भोपाल के ट्रॉमा एवं आपात चिकित्सा, क्रिटिकल केयर, सर्जरी, मनोरोग सहित विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों का योगदान रहा। मैनिट भोपाल के डॉ. अखिलेश बर्वे द्वारा आपदा के समय लॉजिस्टिक योजना पर भी जानकारी दी गई। प्रतिभागी अधिकारियों ने इस प्रशिक्षण की सराहना करते हुए इसे अत्यंत व्यावहारिक, ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताया। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण न केवल आपदा के समय निर्णय लेने की उनकी क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें अपने संस्थानों में बेहतर योजना बनाने में भी सक्षम बनाता है।

इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा: “आपदा प्रबंधन में अस्पताल प्रशासकों की क्षमता वृद्धि, जनस्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निवेश है। एम्स भोपाल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हमारे स्वास्थ्य सेवक किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकें। यह कार्यक्रम हमारे स्वास्थ्य तंत्र की सुरक्षा, स्थायित्व और सेवा निरंतरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” प्रशिक्षण कार्यक्रम आगामी दो दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें मॉक ड्रिल, फील्ड विज़िट और केस स्टडी चर्चा जैसे व्यावहारिक अभ्यास शामिल होंगे, ताकि प्रतिभागियों का सीखना और अधिक प्रभावशाली हो सके।

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