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एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने एमपी टूरिज्म सस्टेनेबिलिटी समिट 2025 में विशिष्ट पैनलिस्ट के रूप में सहभागिता की 

भोपाल: 25 जून 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के शैक्षणिक नेतृत्व में संस्थान स्वास्थ्य सेवाओं से आगे बढ़कर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय विकास संवादों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में प्रो. (डॉ.) अजय सिंह को मध्यप्रदेश पर्यटन सस्टेनेबिलिटी समिट 2025 में एक प्रतिष्ठित पैनलिस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया। इस समिट का विषय था “मध्यप्रदेश में सतत एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना”, जिसका उद्देश्य पर्यटन के क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी समावेशन और सतत विकास पर आधारित निवेश को प्रोत्साहित करना था। प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने पैनल चर्चा-II में भाग लिया, जिसका विषय था “पर्यटन और स्थिरता: हरित यात्रा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग; सतत निवेश”, जिसमें ग्रीन फाइनेंस, ग्रीन नौकरियां, सरकारी प्रयास और नवाचार पर विशेष रूप से चर्चा हुई। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “स्वास्थ्य, पर्यावरण और पर्यटन—ये किसी भी सतत समाज के तीन अभिन्न स्तंभ हैं। मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और जैव विविधता को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य सेवाओं को इको-टूरिज्म एवं वेलनेस मॉडल से जोड़ा जा सकता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में। उन्होंने यह भी कहा कि योग और समेकित चिकित्सा पद्धति (Integrative Medicine) वैश्विक स्तर पर भारत को वेलनेस, आध्यात्मिक एवं मेडिकल पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने का अनूठा अवसर प्रदान करती है, जो आधुनिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद एवं योग जैसी पारंपरिक पद्धतियों का समावेश करती है। भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाती हैं, बल्कि सतत विकास के वैश्विक लक्ष्यों से भी मेल खाती हैं। योग को दैनिक जीवन में अपनाना न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक सशक्तिकरण को भी बढ़ाता है। यह समिट सतत विकास, प्रौद्योगिकी, ग्रामीण सशक्तिकरण, वेलनेस और समावेशी पर्यटन विकास के समन्वय पर गहन विचार-विमर्श का एक सशक्त मंच बना।

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