भोपालमध्य प्रदेशराज्यस्वास्थ्य

विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस के अवसर पर एम्स भोपाल में पीजी छात्रों के लिए क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

भोपाल: 18 जून 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस 2025 के अवसर पर एक विशेष पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व बाल रोग विभाग द्वारा किया गया, जिसमें पैथोलॉजी एवं लैब मेडिसिन तथा मेडिकल ऑन्कोलॉजी एवं हेमेटोलॉजी विभागों का सक्रिय सहयोग रहा। इस अवसर पर बाल रोग, पैथोलॉजी एवं लैब मेडिसिन तथा जनरल मेडिसिन विभागों के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने उत्साहपूर्वक एवं बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रतियोगिता का उद्देश्य पीजी छात्रों में सिकल सेल रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनकी शैक्षणिक समझ को सुदृढ़ करना, तथा आपसी प्रतिस्पर्धा एवं सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करना था। यह क्विज ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर आयोजित की गई, जिसमें सिकल सेल रोग की सामान्य पृष्ठभूमि एवं प्रमुख चिकित्सकीय पहलुओं से संबंधित प्रश्न शामिल थे। क्विज का संचालन डॉ. पूजा सोनी (सीनियर रेजिडेंट) और डॉ. योगेन्द्र यादव (एसोसिएट प्रोफेसर, बाल रोग विभाग) द्वारा किया गया, जिन्होंने प्रतिभागियों की तार्किक क्षमता एवं अकादमिक उत्कृष्टता को प्रेरित किया। प्रतियोगिता के दौरान मेडिकल ऑन्कोलॉजी एवं हेमेटोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गौरव ढींगरा ने सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और उन्हें सतत प्रयास के लिए प्रेरित किया। वहीं, प्रो. भावना ढींगरा ने विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हुए उनकी उत्साहपूर्ण सहभागिता की प्रशंसा की।

इस प्रतिस्पर्धा में डॉ. मोहनीश (जूनियर रेजिडेंट, पीडियाट्रिक्स) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि डॉ. सूर्या (जूनियर रेजिडेंट, जनरल मेडिसिन) द्वितीय स्थान पर और डॉ. स्वस्तिका (जूनियर रेजिडेंट, पीडियाट्रिक्स) तृतीय स्थान पर रहीं। इस अवसर पर बाल रोग विभाग के संकाय सदस्यों, रेजिडेंट डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ एवं सहायक कर्मियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “इस प्रकार की शैक्षणिक पहल हमारे युवा डॉक्टरों को ज्ञान एवं नैदानिक दक्षता से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, विशेषकर सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों के लिए, जो बहु-विषयी दृष्टिकोण और संवेदनशीलता की मांग करती हैं। मैं आयोजन करने वाले सभी विभागों को निरंतर सीखने और सहयोग की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए बधाई देता हूँ।”

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