भोपालमध्य प्रदेशराज्यस्वास्थ्य

एम्स भोपाल की 3डी प्रिंटिंग लैब से चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा

भोपाल: 25 जुलाई 2025

कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में एम्स भोपाल स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देते हुए निरंतर प्रगति कर रहा है। इसी क्रम में वर्ष 2024 में स्थापित “कम्प्यूटेशनल 3डी मॉडलिंग एंड प्रिंटिंग लैब” अब चिकित्सा, अभियांत्रिकी और डिजिटल डिजाइन के संगम पर विकसित होता हुआ एक उभरता राष्ट्रीय नवाचार केंद्र बन चुका है। यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला पॉलीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर, हाई-परफॉर्मेंस वर्कस्टेशन्स और उन्नत मॉडलिंग सॉफ्टवेयर से सुसज्जित है, जिसकी मदद से अत्यंत सटीक, यथार्थवादी और रोगी-विशिष्ट शारीरिक संरचनाएं तैयार की जाती हैं। इन संरचनाओं का उपयोग न केवल पूर्व-शल्य योजना और सर्जिकल प्रशिक्षण में हो रहा है, बल्कि दुर्लभ रोग मामलों के संग्रह, रोगी परामर्श और मेडिकल छात्रों के शिक्षण में भी किया जा रहा है। इससे चिकित्सकीय निर्णयों की गुणवत्ता में सुधार और अंतरविभागीय ज्ञानवर्धन को बल मिल रहा है। लैब की एक प्रमुख उपलब्धि “नेशनल सिम्पोजियम ऑन 3डी प्रिंटिंग एंड मॉडलिंग इन हेल्थकेयर” का सफल आयोजन रहा, जिसमें देश-विदेश के विशेषज्ञों ने भाग लिया और इस क्षेत्र में सहयोग आधारित नवाचार की मजबूत नींव रखी गई।

अब लैब जुलाई 2025 से दो प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है, जिनमें से एक मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT), भोपाल के सहयोग से संचालित किया जाएगा। ये पाठ्यक्रम सिमुलेशन, सेगमेंटेशन और डिजाइन वर्कफ्लो पर आधारित होंगे। इसके साथ ही, मेडिकल और इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के लिए पीएचडी पाठ्यक्रम भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अपने दूसरे वर्ष में प्रवेश करते हुए, लैब अब कम्प्यूटेशनल बायोमैकेनिक्स, सर्जिकल सिमुलेशन, वर्चुअल एनाटॉमिकल मॉडलिंग और फिनाइट एलिमेंट एनालिसिस जैसे क्षेत्रों में विस्तार करने जा रही है। इस दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत, लैब अब भारत की पहली “रोगी-विशिष्ट 3डी एनाटॉमी और पैथोलॉजी रिपॉजिटरी एवं मॉडल गैलरी” की स्थापना की तैयारी कर रही है। यह गैलरी चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान और जन-जागरूकता हेतु दुर्लभ और प्रतिनिधिक क्लीनिकल मॉडलों का एक राष्ट्रीय संग्रह होगी, जो आने वाले समय में शिक्षण, अभ्यास और संवाद का एक अनोखा प्लेटफॉर्म बनेगी। अपने प्रभाव को और व्यापक बनाने हेतु लैब अब विश्वविख्यात संस्थानों और अग्रणी विश्वविद्यालयों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। इन साझेदारियों के अंतर्गत संयुक्त अनुसंधान, सिमुलेशन प्लेटफ़ॉर्म का विकास, फैकल्टी एक्सचेंज और बायोइंजीनियरिंग व हेल्थकेयर शिक्षा में व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर कार्य किया जाएगा।

इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “एम्स भोपाल की कम्प्यूटेशनल 3डी मॉडलिंग एंड प्रिंटिंग लैब हमारी व्यक्तिगत चिकित्सा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और ट्रांसलेशनल रिसर्च के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह तकनीक और नैदानिक दृष्टिकोण के समन्वय से ऐसे नवाचारों को जन्म दे रही है, जो चिकित्सकों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों – सभी के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। भारत की पहली रोगी-विशिष्ट शारीरिक संरचना गैलरी की स्थापना चिकित्सा विज्ञान को आमजन के लिए सहज और सुलभ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगी।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!