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एलन मस्क की टेस्ला भारत में लॉन्च, जानिए क्या होगी कीमत?

भोपाल/मुंबई: 15 जुलाई 2025

एलन मस्क की टेस्ला ने मंगलवार को भारत में अपनी कार लॉन्च कर दी है। टेस्ला ने मुंबई में अपना पहला शो-रूम खोला. सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ टेस्ला के साउथईस्ट डायरेक्टर इसाबेल फ़ैन ने घोषणा की कि कंपनी जल्द ही राजधानी दिल्ली में भी शोरूम खोलेगी।

मस्क की टेस्ला कुछ समय से बिक्री में गिरावट से जूझ रही है। मस्क ऊंचे टैरिफ़ को लेकर भारत की आलोचना करते रहे हैं।

ऐसे में टेस्ला के भारतीय कार बाज़ार में उतरने को लेकर दुनिया भर के ऑटोमोबाइल सेक्टर में दिलचस्पी के साथ देखा जा रहा है। टेस्ला इंडिया को लेकर जानिए कुछ अहम सवालों के जवाब

कितनी होगी कार की क़ीमत?

टेस्ला ने भारत में अपनी मॉडल वाय कार लॉन्च की है, जिसकी शुरुआती क़ीमत 70 हज़ार डॉलर यानी क़रीब 60 लाख रुपए होगी। कस्टमर टेस्ला की आधिकारिक वेबसाइट के ज़रिए कार की बुकिंग करा सकते हैं जिनकी डिलीवरी इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्तूबर से दिसंबर) के बीच होने की संभावना है। मस्क लंबे समय से भारत में टेस्ला को लाने की प्लानिंग कर रहे थे. उनकी योजना भारत में टेस्ला की फ़ैक्ट्री खोलने की भी थी। टेस्ला की मॉडल Y रियर-व्हील ड्राइव की कीमत लगभग 60 लाख रुपये रखी गई है, जबकि मॉडल Y लॉन्ग-रेंज रियर-व्हील ड्राइव की कीमत 68 लाख रुपये है। कंपनी की “फ़ुल सेल्फ-ड्राइविंग” सुविधा अतिरिक्त छह लाख रुपये में उपलब्ध होगी, जिसमें भविष्य में ऐसे अपडेट्स का वादा किया गया है जो वाहन को न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ चलाने में सक्षम बनाएंगे।

क्यों हैं क़ीमतें इतनी ज़्यादा?

भारत में जिस मॉडल की क़ीमत लगभग 60 लाख रुपए है उसी मॉडल की क़ीमत अमेरिका में 44,990 डॉलर यानी लगभग 39 लाख रुपए है, चीन में 36,700 डॉलर यानी 32 लाख रुपए और जर्मनी में 45,970 डॉलर यानी क़रीब 39 लाख 50 हज़ार रुपए है। तो सवाल उठता है कि भारत में इसकी क़ीमत इतनी ज़्यादा क्यों है?

टेस्ला भारत में जिन कारों को ग्राहकों के लिए लेकर आएगी उनमें क़रीब 100 फ़ीसदी टैरिफ़ लगेगा। उसी की वजह से भारत में टेस्ला की जो कारें बिकेंगी उनकी क़ीमत इतनी ज़्यादा है। टेस्ला के चीफ़ फाइनेंशियल ऑफ़िसर वैभव तनेजा ने अप्रैल में भारत में कंपनी की दिलचस्पी की बात कही थी। लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि, “भारत में कंपनी बहुत सोच-समझकर कदम उठाएगी क्योंकि यहां ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) आयात पर 70 फ़ीसदी का शुल्क और लगभग 30 फ़ीसदी का लग्ज़री टैक्स है।” इस ऊंचे टैक्स की वजह से टेस्ला को भारत में अपनी गाड़ियों की कीमतें इतनी ज़्यादा रखनी पड़ीं।

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