मध्यप्रदेश के किसानों को मिलेगा एक्सपोर्ट में बड़ा मौका, मसालों और हैंडीक्राफ्ट पर फोकस : विश्वास सारंग
राज्य सहकारी संघ और मंडी बोर्ड ने एनसीईएल के साथ किया एमओयू, किसानों को मिलेगा वैश्विक बाजार तक सीधा लाभ

भोपाल: 27 जून 2025
मध्यप्रदेश के मसाला उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी सौगात सामने आई है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत राज्य सहकारी संघ और मंडी बोर्ड ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL), नई दिल्ली के साथ एमओयू साइन कर लिया है। इस पहल से अब मिर्च, लहसुन, धनिया जैसे मसालों और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को सीधे वैश्विक बाजार में ले जाया जाएगा, जिससे किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर दाम मिल सकेगा। यह एमओयू राज्य स्तरीय कार्यशाला के दौरान नगरीय विकास एवं सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग की मौजूदगी में हुआ।
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत आयोजित इस राज्य स्तरीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में नगरीय विकास एवं सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग और अध्यक्षता कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने की। कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य किसानों को निर्यात के लिए सक्षम बनाना तथा मसालों और हैंडीक्राफ्ट जैसे स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाना था। इस दौरान नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL), राज्य सहकारी संघ और मंडी बोर्ड के बीच महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। कार्यशाला में विशेष रूप से मिर्च, लहसुन, धनिया, गेहूं और कपास जैसे पांच प्रमुख फोकस उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया गया। “मध्यप्रदेश के किसानों को निर्यात के लिये सक्षम बनाना” विषय पर आधारित इस आयोजन में निर्यात, प्रशिक्षण, वैल्यू एडिशन और लॉजिस्टिक जैसे पहलुओं पर चर्चा की गई।
मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा, “राष्ट्रीय स्तर पर कोऑपरेटिव सेक्टर में निर्यात की गतिविधि बढ़ाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड का गठन किया गया है। इस एमओयू से मध्यप्रदेश के किसानों को अब उनके उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय बाजार तक सीधा लाभ मिलेगा।” उन्होंने कहा, “हमने पहले 5 प्रमुख उत्पाद चिन्हित किए हैं, जिनमें मसाले और कपास शामिल हैं। हम इनके वैल्यू एडिशन, ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक चैन डेवलपमेंट पर काम करेंगे। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में देश में नंबर वन बने।” साथ ही कहा, “एनसीईएल और राज्य संघ मिलकर किसानों को नया प्लेटफार्म देंगे, जिससे वे अपने उत्पाद निर्यात कर पाएंगे। इससे किसानों को फसल का मजबूत दाम मिलेगा और सहकारिता आंदोलन को नई ऊर्जा मिलेगी।”
एमओयू से क्या होगा फायदा?
✅ किसानों को मिलेगा निर्यात का सीधा अवसर
✅ राज्य के मसाले और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद होंगे वैश्विक ब्रांडिंग के योग्य
✅ लॉजिस्टिक, ट्रेनिंग और सप्लाई चैन में सरकार करेगी मदद
✅ छोटे और मध्यम किसान भी सहकारी समितियों के माध्यम से जुड़ सकेंगे
✅ मध्यप्रदेश के उत्पादों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय पहचान
*आगे की रणनीति क्या है?*
➡️ पहले चरण में 5 उत्पादों पर फोकस
➡️ ट्रेनिंग और वैल्यू एडिशन की कार्यशालाएं
➡️ एक्सपोर्ट सपोर्ट हब्स की स्थापना
➡️ निर्यातक कंपनियों और किसान समूहों के बीच सीधा संवाद