एम्स भोपाल में यूवाइटिस मीट 2025: सुपर-स्पेशियलिटी नेत्र चिकित्सा में विशेषज्ञता और सहयोग का संगम

भोपाल: 22 मई 2025
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में नेत्र रोग विभाग द्वारा दिनांक 25 मई, 2025 को “यूवाइटिस मीट 2025” का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन भोपाल डिवीजन ऑप्थैल्मिक सोसाइटी (BDOS) के सहयोग से और यूवाइटिस सोसाइटी ऑफ इंडिया (USI) के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। यह महत्वपूर्ण शैक्षणिक सम्मेलन मध्य भारत में नेत्र चिकित्सा के सुपर-स्पेशियलिटी अभ्यास में एक उल्लेखनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो देश के प्रमुख विशेषज्ञों को एक मंच पर लाएगा। सम्मेलन में यूवाइटिस और नेत्र सूजन के क्षेत्र में देशभर से प्रसिद्ध विशेषज्ञ शामिल होंगे, जिनमें डॉ. पद्ममालिनी महेन्द्रदास (प्रमुख, यूवाइटिस एवं ऑक्युलर इम्यूनोलॉजी विभाग, नारायण नेत्रालय, बेंगलुरु), डॉ. पार्थप्रतिम दत्ता मजूमदार (वरिष्ठ सलाहकार एवं निदेशक नवाचार, शंकर नेत्रालय, चेन्नई), डॉ. पुरेन्द्र भसीन (संस्थापक एवं अध्यक्ष, रतन ज्योति नेत्रालय, ग्वालियर तथा अध्यक्ष, मध्यप्रदेश ऑप्थैल्मोलॉजिकल सोसाइटी), डॉ. आलोक सेन (प्रमुख, रेटिना एवं यूवाइटिस, सदगुरु नेत्र चिकित्सालय, चित्रकूट), डॉ. धैवत शाह (प्रमुख, रेटिना एवं संयुक्त चिकित्सा निदेशक, चोईथराम नेत्रालय, इंदौर) तथा डॉ. अनामिका द्विवेदी (एसोसिएट प्रोफेसर, नेत्र रोग विभाग, एसएस मेडिकल कॉलेज, रीवा) शामिल हैं। स्थानीय संकाय की ओर से डॉ. गजेन्द्र चावला, डॉ. गणेश पिल्लै और डॉ. समेन्द्र करखुर भी प्रमुख वक्ता होंगे।
इस सम्मेलन का उद्देश्य नेत्र रोग विशेषज्ञों को यूवाइटिस एवं नेत्र सूजन के सुपर-स्पेशियलिटी अभ्यास की बारीकियों से अवगत कराना है। साथ ही, यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश के रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए एक प्रशिक्षण मंच प्रदान करेगा, जिससे वे अनुभवी विशेषज्ञों से सीखकर अपनी नैदानिक एवं शल्य कौशल को और अधिक दक्ष बना सकें। इस अवसर पर आयोजन अध्यक्ष डॉ. सरोज गुप्ता और सह-अध्यक्ष डॉ. प्रीति सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन शंकर नेत्रालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की विशेषज्ञता को भोपाल लाकर नेत्र चिकित्सा समुदाय और रोगियों, दोनों को लाभान्वित करेगा। इसके साथ ही, आयोजन सचिव डॉ. समेन्द्र करखुर ने कहा कि ऐसे वैज्ञानिक संवाद न केवल चिकित्सकीय समुदाय को सशक्त करते हैं, बल्कि अंततः रोगियों के लिए लाभकारी सिद्ध होते हैं, जिनकी सेवा में चिकित्सा जगत निरंतर संलग्न रहता है।
प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने सम्मेलन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएँ देते हुए कहा, “एम्स भोपाल अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान, सहयोग और निरंतर संवाद को हमेशा प्रोत्साहित करता रहा है। ‘यूवाइटिस मीट 2025’ नेत्र रोगों की सुपर-स्पेशियलिटी क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। देशभर के प्रमुख विशेषज्ञों की भागीदारी इसे हमारे चिकित्सकों और छात्रों के लिए सीखने, नवाचार करने और जटिल नेत्र रोगों से ग्रसित रोगियों की देखभाल में सुधार लाने का एक अनमोल अवसर बनाती है।” यह सम्मेलन इसलिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि एम्स भोपाल के नेत्र विभाग में मरीजों की संख्या में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिनमें से अनेक जटिल रेटिना एवं यूवाइटिस संबंधित रोगों के साथ रेफर होकर आते हैं। यूवाइटिस एक ऐसा नेत्र रोग है जो कॉर्निया, लेंस और रेटिना सहित आँख के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। यदि इसका इलाज अनियंत्रित तरीके से या विशेष रूप से स्टेरॉयड के अनुचित प्रयोग के माध्यम से किया जाए, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, जब यूवेइटिस बच्चों को प्रभावित करता है, तो यह कुछ विशिष्ट चुनौतियाँ पेश करता है, जिससे इसका समय पर निदान और प्रबंधन और भी अधिक आवश्यक हो जाता है। यूवाइटिस मीट 2025, इन क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत करने, चिकित्सकों के अनुभव साझा करने और मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए उपचारात्मक रणनीतियों पर केंद्रित एक सशक्त मंच सिद्ध होगा।