
भोपाल/कोटा: 10 सितम्बर 2025
रेलवे की परिचालन व्यवस्था का आधार उसके फ्रंट लाइन स्टाफ – लोको पायलट एवं गार्ड – हैं, जिनके सतर्क संचालन पर यात्रियों की सुरक्षा और गाड़ियों की समयबद्धता निर्भर करती है। यदि यह स्टाफ शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से संतुलित रहे, तो रेलवे की सेवाएँ और अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय एवं प्रभावी बन जाती हैं। इन्हीं पहलुओं को केंद्र में रखते हुए कोटा मंडल में आज “नशामुक्ति एवं तनाव प्रबंधन” विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया।
ड्राइवर एवं गार्ड लॉबी के सभाकक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुपर्णा सेन रॉय ने किया। सेमिनार के मुख्य वक्ता, प्रख्यात मनोचिकित्सक डॉ. दीपक गुप्ता ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि नशामुक्त जीवन और तनाव नियंत्रण के लिए व्यक्ति को अपनी समस्याएँ साझा करने, मोबाइल का सीमित उपयोग करने, नियमित व्यायाम करने और अपने व्यक्तिगत शौक को समय देने की आदत विकसित करनी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (कर्षण परिचालन) श्री कृतेश मीना ने कहा कि मंडल प्रशासन सदैव लोको पायलटों और गार्डों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वस्त किया कि मानसिक स्वास्थ्य और कार्य-जीवन संतुलन को सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल चिकित्साधिकारी डॉ. मनीषा शर्मा और मंडल विद्युत अभियंता श्री विवेक खरे ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तनावमुक्त कार्यसंस्कृति कर्मचारियों को स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित करती है और रेलवे संचालन को और अधिक सुरक्षित बनाती है।