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रेजांग ला पवित्र रज कलश यात्रा भोपाल पहुंची, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हुए शामिल

भोपाल: 26 सितंबर 2025

बिहार से चलकर रेजांगला यात्रा भोपाल पहुंची, इस यात्रा के भोपाल पहुंचने पर भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा स्थित अटल पथ पर इस यात्रा के आगमन पर यादव समाज द्वारा भव्य कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी शिरकत की। इस कार्यक्रम में कई जानी मानी हस्ती भी शामिल हुए जैसे कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र यादव।

क्या है ये रेजांगला यात्रा और क्या है इसका उद्देश्य

रेजांगला यात्रा उन वीर सैनिकों के सम्मान में आयोजित की जा रही है जिन्होंने भारत भूमि की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान। अहिर/यादव समाज का मानना है कि ये यात्रा भारत के अमर अहिर शहीदों के लहू से लिप्त माटी की कलश यात्रा है। इसका का उद्देश्य भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन करना और उन वीर अहीर शहीदों को भारतीय दिव्य इतिहास में उचित स्थान दिलाना है।रेजांगला युद्ध के अमर शहीदों की पवित्र कलश रथ 13 अप्रैल 2025 को बिहार से शुरू हुई है जो पूरे भारत का यात्रा कर 18 नवंबर को दिल्ली में समाप्त होगी।

रेजांगला उस समय चर्चा में आया था जब 1962 के भारत- चीन युद्ध के समय 13 कुमाऊं रेजिमेंट की अहीर कंपनी का पराक्रम व बलिदान देखा गया था। जिनकी बहादुर की याद में युद्ध स्मारक को अहीर धाम नाम दिया गया था। अहीर भारतीय सेवा की राजपूत रेजीमेंट ,कुमाऊं रेजीमेंट तथा ग्रेंबियर्स में भी भागीदारी है। अभी भी भारतीय हथियारबंद सेवा में आज तक बख्तर बंद कोरों व तोपखानों में अहीर की एकल टुकड़ियां विद्यमान है। अहीर जाती की ऐतिहासिक पृष्टभूमि भी एक लड़ाकू जाती की रही है,चाहे वह स्वतंत्रता की पूर्व की बात करें या स्वतंत्रता के बाद। प्रोफेसर राजेंद्र यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि जब सेना में राजपूत रेजीमेंट, जाट रेजिमेंट ,गोरखा रेजीमेंट आदि समुदाय को रेजीमेंट देकर सम्मानित एवं गौरवान्वित किया गया है तो यही रेजिमेंट के साथ सौतेला व्यवहार क्यों ?

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

कार्यक्रम में सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि 1962 में हुए भारत चीन युद्ध के बीच लद्दाक के रेजांग में कड़ा युद्ध हुआ था, जहां भारत के 120 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की चिंता किए बगैर, चीन के हजारों सैनिकों को खदेड़ दिया था और देश के लिए हस्ते हस्ते अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे। रेजांग ला पवित्र कलश यात्रा देश में वीरता और पराक्रम की मशाल लेकर जा रहा है, जो देश में देशभक्ति की अलख जाएगा। पाकिस्तान के युद्ध में भी हमारी सेना का हमने शौर्य और अद्भुत पराक्रम देखा, उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को इस इतिहास से परिचित होना चाहिए। वही रेजांग युद्ध में हमारे 120 बहादुर जवानों के गौरव शाली अतीत पर फिल्म बनने की सूचना मिली है, जरूरत पड़ी तो फिल्म निर्माण पर मप्र सरकार आर्थिक सहायता देकर वीर अहीर सैनिकों पर बनने वाली फिल्म को भारत भर में जाकर इस बात से अवगत कराएंगे कि कैसे वीर अहीरों ने अपने अद्भुत अदम्य पराक्रम से दुश्मनों के छक्के छुड़ाए।

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