भोपालमध्य प्रदेशराज्यस्वास्थ्य

एम्स भोपाल की डॉ. पूजा सोनी को दुर्लभ आनुवंशिक विकार पर सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र का पुरस्कार मिला

भोपाल: 27 सितंबर 2025

सार : एम्स भोपाल की डॉ. पूजा सोनी, जो शिशुरोग विभाग में रेज़िडेंट हैं और रेजिडेंसी-लिंक्ड फेलोशिप कार्यक्रम के तहत जेनेटिक्स फेलो भी हैं , को 22वें ICMR कोर्स ऑन मेडिकल जेनेटिक्स और जेनेटिक काउंसलिंग में सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके शोध कार्य ने गॉचर रोग (Gaucher’s Disease), एक दुर्लभ लाइसोसोमल स्टोरेज विकार के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों को उजागर किया। गॉचर रोग एक दुर्लभ अनुवांशिक स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों में वसा (fat) जमा होने लगती है।  यह अध्ययन शुरुआती निदान और बेहतर प्रबंधन के लिए जानकारी प्रदान करता है।

विस्तार: एम्स भोपाल की डॉ. पूजा सोनी, जो शिशुरोग विभाग में रेज़िडेंट हैं एवं रेजिडेंसी-लिंक्ड फेलोशिप कार्यक्रम के तहत जेनेटिक्स फेलो भी हैं, को 22वें ICMR कोर्स ऑन मेडिकल जेनेटिक्स और जेनेटिक काउंसलिंग में सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम एसजीपीजीआईएमएस लखनऊ में आयोजित किया गया। उनके शोध का केंद्र गॉचर रोग (Gaucher’s Disease) नामक दुर्लभ लाइसोसोमल स्टोरेज विकार के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों पर था।

गॉचर रोग एक दुर्लभ अनुवांशिक स्थिति है जिसमें शरीर ग्लूकोसेरेब्रोसाइड नामक एक विशेष प्रकार की वसा को सही तरीके से तोड़ नहीं पाता। इसके कारण यह वसा धीरे-धीरे प्लीहा (spleen), यकृत (liver) और अस्थि मज्जा (bone marrow) जैसे अंगों में जमा होने लगती जिस कारण कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।

हालांकि यह रोग दुर्लभ है, पर अगर इसका समय पर निदान और उपचार न किया जाए तो यह मरीज के जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। डॉ. सोनी का कार्य डॉक्टरों को ऐसी दुर्लभ स्थितियों की पहचान और प्रबंधन में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, जिससे मरीजों की देखभाल में सुधार होता है। यह पुरस्कार एम्स भोपाल की जेनेटिक्स में अत्याधुनिक अनुसंधान और जटिल चिकित्सा चुनौतियों से निपटने की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

इस अध्ययन के निष्कर्ष परिवारों और देखभालकर्ताओं को दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के समय पर निदान और उपचार के महत्व को समझने में मदद कर सकते हैं। ऐसे प्रयासों के माध्यम से, एम्स भोपाल स्वास्थ्य देखभाल ज्ञान, अनुसंधान और जनजागरूकता को आगे बढ़ाता रहता है, जिससे समुदायों को लाभ मिलता है और समग्र चिकित्सा देखभाल के मानक में सुधार होता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!