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एम्स भोपाल के आयुष विभाग में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन

भोपाल: 23 सितंबर 2025

मुख्य बिंदु

एम्स भोपाल ने राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस को आयुष विभाग में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया, जिसकी शुरुआत धन्वंतरि पूजा और दीप प्रज्वलन से हुई।

इस अवसर पर 130 बच्चों के लिए स्वर्ण प्राशन संस्कार किया गया, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और बौद्धिक विकास को बढ़ावा मिल सके।

बच्चों को स्वर्ण प्राशन की बूंदें दी गईं, जिससे प्रारंभिक अवस्था से ही निवारक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने का संदेश दिया गया।

आयुर्वेद की समग्र स्वास्थ्य देखभाल में भूमिका तथा पुष्य नक्षत्र के वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला गया।

करक्यूमिन (हल्दी) के औषधीय गुणों जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, सूजन कम करने और दीर्घकालिक बीमारियों के प्रबंधन पर चर्चा की गई।

एम्स भोपाल के आयुष विभाग में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एम्स भोपाल के कर्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) मधबानंद कर ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत धन्वंतरि पूजन और दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें भगवान धन्वंतरि को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 130 बच्चों के लिए परंपरागत स्वर्ण प्राशन संस्कार का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और बुद्धि-विकास को बढ़ाना था। यह कार्यक्रम विशेष पुष्य नक्षत्र पर संपन्न हुआ।

प्रो. कर ने बच्चों को स्वयं स्वर्ण प्राशन की बूंदें दीं और जीवन के प्रारंभिक चरण में स्वास्थ्य संवर्धन के महत्व पर प्रकाश डाला। सभा को संबोधित करते हुए प्रो. कर ने समग्र स्वास्थ्य देखभाल में आयुर्वेद की भूमिका और आधुनिक चिकित्सा में इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने पुष्य नक्षत्र के वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्व को समझाया और हल्दी (करक्यूमिन) के चिकित्सीय लाभों पर विस्तार से चर्चा की, जो प्रतिरक्षा बढ़ाने, सूजन कम करने और दीर्घकालिक रोगों के प्रबंधन में सहायक है।

इस अवसर पर प्रो. कर ने कहा, “आयुर्वेद केवल प्राचीन ज्ञान नहीं, बल्कि आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं में भी अत्यधिक प्रासंगिक एक वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है। स्वर्ण प्राशन जैसे संस्कार और हल्दी जैसे औषधीय पौधों के माध्यम से हम रोग-निवारण को सशक्त बना सकते हैं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं।”

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर वर्ष 23 सितंबर को मनाया जाता है। एम्स भोपाल में इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें जागरूकता कार्यक्रम, व्याख्यान और जनसंपर्क गतिविधियाँ शामिल हैं, ताकि आयुर्वेद का संदेश आम जनता तक पहुँच सके। कार्यक्रम में संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और अभिभावकों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई, जो एम्स भोपाल की आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के समन्वित स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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