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सुरक्षित दवा–उपकरण उपयोग: एम्स भोपाल ने राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह व स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत चलाया जागरूकता अभियान

भोपाल: 20 सितंबर 2025

एम्स भोपाल ने 17 से 23 सितम्बर 2025 तक आयोजित 5वीं राष्ट्रीय फ़ार्माकोविजिलेंस सप्ताह के अवसर पर जन-जागरूकता अभियानों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से संस्था ने रोगी सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। एम्स भोपाल का फार्माकोलॉजी विभाग, जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए एडवर्स ड्रग रिएक्शन मॉनिटरिंग सेंटर, मेडिकल डिवाइस एडवर्स इवेंट रिपोर्टिंग मॉनिटरिंग सेंटर तथा रीजनल ट्रेनिंग सेंटर (RTC) के रूप में कार्य करता है, ने यह अभियान सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग के सहयोग से आयोजित किया। यह गतिविधियाँ गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल गोहरगंज (जिला रायसेन), सीएचसी गोहरगंज, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, गवर्नमेंट हायर स्कूल खमखेड़ा और गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल बालाबर्खेड़ा (जिला विदिशा) में संपन्न हुईं।

यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान (SNSPA)” का भी हिस्सा रहा, जिसका उद्देश्य समुदाय, विशेषकर छात्रों और शिक्षकों को दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करना है। अभियानों में 416 छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी की। उन्हें दवाओं के दुष्प्रभाव (Adverse Drug Reactions) और चिकित्सा उपकरणों से संबंधित समस्याओं की पहचान एवं रिपोर्टिंग के तरीके समझाए गए। प्रतिभागियों को टोल-फ़्री नंबर 1800-180-3024 और PvPI मोबाइल ऐप जैसे सरल माध्यमों से प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्टिंग की जानकारी दी गई।

सत्रों का संचालन सुश्री दीपा चौधरी (रिसर्च एसोसिएट, फ़ार्माकोविजिलेंस) और श्री फैज़ान (रिसर्च एसोसिएट, मैटेरियोविजिलेंस) ने किया। इस अवसर पर डॉ. फ्लोरेंस जॉय (सीनियर रेज़िडेंट), डॉ. केविन जैन, डॉ. चिराग अग्रवाल और डॉ. सिद्धांत (जूनियर रेज़िडेंट, फार्माकोलॉजी) ने भी प्रतिभागियों को मार्गदर्शन दिया तथा उपभोक्ताओं और स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। शिक्षकों को विशेष रूप से समुदाय की सुरक्षा हेतु प्रतिकूल प्रभावों की पहचान और रिपोर्टिंग के महत्व से अवगत कराया गया। अवसर पर यह संदेश दोहराया गया: “दवाएँ और उपकरण जीवनरक्षक हैं, लेकिन उनका सुरक्षित उपयोग उतना ही आवश्यक है। विद्यालय स्तर पर जागरूकता बढ़ाकर हम स्वास्थ्य-साक्षर और जिम्मेदार भविष्य पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं।” कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा यह संकल्प लेने के साथ हुआ कि वे सुरक्षित दवा और उपकरण उपयोग का संदेश फैलाएँगे और प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करेंगे, जिससे सभी के लिए एक सुरक्षित स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण हो सके।

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