समय पर पहचान से 80–90% बाल कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकते हैं : एम्स भोपाल

भोपाल: 20 सितंबर 2025
मुख्य बिंदु:
एम्स भोपाल में बाल कैंसर जागरूकता वार्ता आयोजित हुई, जिसमें डॉक्टरों, बच्चों, अभिभावकों और आमजन ने भाग लिया।
बताया गया कि यदि समय पर पहचान और इलाज हो तो 80–90% बाल कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।
कार्यक्रम में टीमवर्क और समाजसेवी, मनोवैज्ञानिक, डाइटिशियन आदि की मदद से व्यापक देखभाल के महत्व पर बल दिया गया।
कैनकिड्स की मदद से बच्चों को कैंपस के पास “होम अवे फ्रॉम होम” सुविधा, पोषण और अन्य सहायक सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
एम्स भोपाल में आधुनिक जांच सुविधाएँ मौजूद हैं और अभिभावकों ने नियमित व पूरा इलाज लेने के अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में बहुविषयक उपचार की अहमियत बताई गई और बाल कैंसर संबंधी किसी भी मदद के लिए हेल्पलाइन 8370001226 जारी की गई।
सितम्बर माह बाल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में एम्स भोपाल के बाल रोग विभाग ने अन्य विभागों के सहयोग से बाल कैंसर जागरूकता वार्ता का आयोजन बाल चिकित्सा ओपीडी में किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन को बाल कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान, आधुनिक इलाज की उपलब्धता और बहुविषयक उपचार के महत्व के बारे में जागरूक करना था। इस चर्चा में डॉक्टरों, कैंसर से जूझ रहे बच्चों, उनके अभिभावकों और आसपास के लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। डीएम पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी के रेज़िडेंट्स डॉ. पक्कीरेश रेड्डी और डॉ. अनुराग मोहंती ने बाल कैंसर के प्रकारों पर जानकारी दी और बताया कि यदि समय पर पहचान और इलाज हो, तो 80–90% बाल कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। उन्होंने डॉक्टरों और आमजन में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा मलिक ने कैंसर उपचार में टीमवर्क की अहमियत समझाई। वहीं एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. बर्था रथिनम ने बच्चों के संपूर्ण उपचार की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिसमें समाजसेवी, मनोवैज्ञानिक, व्यावसायिक चिकित्सक, डाइटिशियन और अन्य विशेषज्ञों का सहयोग शामिल है। कैनकिड्स संस्था की मदद से एम्स भोपाल बच्चों को “होम अवे फ्रॉम होम” आवासीय सुविधा, पोषण और अन्य सहायक सेवाएँ भी उपलब्ध करा रहा है। पैथोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. वैशाली वाल्के ने शुरुआती जांच और एम्स भोपाल में उपलब्ध आधुनिक जांच सुविधाओं पर प्रकाश डाला।