एम्स भोपाल में स्तन कैंसर के उन्नत इलाज से बेहतर परिणाम और महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार

भोपाल: 19 सितंबर 2025
मुख्य बिंदु
एम्स भोपाल में उन्नत ऑन्कोप्लास्टिक स्तन कैंसर सर्जरी नियमित रूप से उत्कृष्ट परिणामों के साथ की जाती है।
एम्स भोपाल में ICG डाई तकनीक लिम्फेडेमा के खतरे को कम कर मरीजों के जीवन की गुणवत्ता सुधारती है।
आधुनिक बहु-आयामी इलाज से अब उन्नत कैंसर में भी स्तन को सुरक्षित रखा जा सकता है।
समय पर जांच और त्वरित इलाज स्तन कैंसर को भय से आशा में बदल देते हैं।
आज भी, तेज़ी से हो रही चिकित्सकीय प्रगति के बावजूद, भारत के कई हिस्सों में स्तन कैंसर अब भी उपेक्षा और सामाजिक कलंक से घिरा हुआ है। इसका एक बड़ा कारण इसके लक्षणों, बीमारी की प्रकृति और आधुनिक इलाज में हुई प्रगति के बारे में जागरूकता की कमी है। अक्सर महिलाएं स्तन में गांठ महसूस होने पर भय और गलतफहमी के कारण समय पर चिकित्सकीय मदद लेने से हिचकिचाती हैं। एक समय था जब स्तन कैंसर का मतलब पूरे स्तन को हटाना होता था। लेकिन अब समय बदल गया है। आज इसका इलाज बहु-आयामी पद्धति से किया जाता है—जिसमें कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, सर्जरी, इम्यूनोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का संयोजन होता है। कई मामलों में केवल ट्यूमर को हटाकर और उन्नत ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी से पुनर्निर्माण करके स्तन को सुरक्षित रखा जा सकता है। यह अत्याधुनिक तकनीक एम्स भोपाल में नियमित रूप से की जाती है और इसके उत्कृष्ट परिणाम मिल रहे हैं। स्तन कैंसर की सर्जरी के बाद होने वाली दीर्घकालिक चुनौतियों में से एक लिम्फेडेमा है—हाथ में एक दर्दनाक सूजन जो महीनों या सालों बाद भी दिखाई दे सकती है। इस जोखिम को कम करने के लिए एम्स भोपाल में अब इंडोसाइनिन ग्रीन (ICG) डाई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस डाई को ट्यूमर में इंजेक्ट किया जाता है और इन्फ्रारेड कैमरे से देखने पर यह उन लसीका ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) को स्पष्ट करता है, जो स्तन से बगल तक फैलते हैं। इन ग्रंथियों को निकालकर तुरंत फ्रोज़न सेक्शन तकनीक से जांचा जाता है। यदि इनमें कैंसर कोशिकाएँ नहीं पाई जातीं, तो हाथ की सामान्य लसीका नलिकाओं को सुरक्षित रखा जाता है—जिससे लिम्फेडेमा का खतरा बहुत कम हो जाता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है। कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और रेडियोथेरेपी में हुई प्रगति के कारण आज ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी उन्नत स्तन कैंसर के मामलों में भी संभव हो पाई है। कीमोथेरेपी से पहले ट्यूमर और लिम्फ नोड्स को विशेष तकनीक से चिन्हित किया जा सकता है, जिससे सर्जरी के दौरान उन्हें सटीक रूप से हटाया जा सके। ICG तकनीक को मिलाकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि कैंसर को पूरी तरह हटाते हुए स्वस्थ ऊतक सुरक्षित रखे जाएँ। ये चिकित्सकीय उपलब्धियाँ स्पष्ट संदेश देती हैं—स्तन कैंसर का निदान अब सामान्य जीवन का अंत नहीं है। महिलाएँ ऐसे इलाज की उम्मीद कर सकती हैं जो न केवल इलाज पर केंद्रित है बल्कि उनके रूप, आत्मविश्वास और गरिमा को भी लौटाता है। मुख्य संदेश यह है कि—समय पर जांच, त्वरित इलाज और उन्नत बहु-आयामी चिकित्सा तकनीक से भय को आशा में बदला जा सकता है और स्तन कैंसर के बाद जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।