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एम्स भोपाल की सफलता को अंतरराष्ट्रीय पहचान – जन्म से बिना टिबिया हड्डी वाली बच्ची अब चलने में सक्षम

भोपाल: 10 सितंबर 2025

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एम्स भोपाल लगातार वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। एम्स भोपाल के अस्थि रोग विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. प्रतीक बेहरा को 5 सितम्बर 2025 को स्पेन की राजधानी मैड्रिड में आयोजित 45वें सिकॉट ऑर्थोपेडिक वर्ल्ड कांग्रेस में प्रतिष्ठित सिकॉट इंडिया फाउंडेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मेलन सोसाइटी इंटरनैशनल डी सर्जरी ऑर्थोपेडिक एट ट्रॉमैटोलॉजी (SICOT) अथवा इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर ऑर्थोपेडिक्स एंड ट्रॉमैटोलॉजी द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें 125 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और इसे दुनिया का सबसे बड़ा आर्थोपेडिक सम्मेलन माना जाता है। डॉ. बेहरा को यह सम्मान इलिज़ारोव डिवाइस के प्रयोग पर उनके शोध प्रस्तुतिकरण के लिए दिया गया, जिसमें उन्होंने हड्डी की विकृतियों, अंगों की लंबाई में कमी तथा हड्डी के नुकसान से पीड़ित मरीजों के उपचार से जुड़ा कार्य प्रस्तुत किया। इस शोध को व्यापक सराहना मिली और इसे सर्वश्रेष्ठ कार्यों में चुना गया।

इसके अलावा, डॉ. बेहरा ने एक ऐसी बच्ची का मामला भी प्रस्तुत किया, जो जन्म से ही एक पैर में टिबिया हड्डी के बिना थी। एम्स भोपाल में उपचार के बाद वह बच्ची अब स्वयं चलने में सक्षम है। सिकॉट की लिंब रिकंस्ट्रक्शन सब-कमेटी के सदस्य के रूप में डॉ. बेहरा ने समिति की वार्षिक बैठक में भाग लिया और अपने सुझाव दिए। उन्हें आगामी 3 अक्टूबर 2025 को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में भी अपना कार्य प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह उपलब्धि न केवल उन्नत आर्थोपेडिक सेवाओं में एम्स भोपाल की उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने का भी कार्य करती है।

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