कैंसर मरीजों के लिए एम्स भोपाल में अत्याधुनिक थोरासिक ऑन्कोलॉजी सुविधा की शुरुआत

भोपाल: 05 सितंबर 2025
एम्स भोपाल ने कैंसर उपचार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में समर्पित थोरासिक ऑन्कोलॉजी सुविधा की शुरुआत की है। इस नई सुविधा की शुरुआत एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ऑन्कोसर्जन प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर के नेतृत्व में हुई। इस अवसर पर पहली बार अत्याधुनिक तकनीक से एक जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इसमें भोजन नली (इसोफेगस) में कैंसर से प्रभावित हिस्से को हटाया गया और उसके स्थान पर पेट के हिस्से से बनाई गई नली को गले तक पहुंचाकर जोड़ा गया। यह सर्जरी थोरोस्कोपिक और लैप्रोस्कोपिक तकनीक से की गई, जिससे मरीज को बड़े चीरे से बचाया जा सका और जल्दी स्वस्थ होने की संभावना बढ़ी। यह जटिल शल्यक्रिया प्रो. कर के नेतृत्व में डॉ. विनय कुमार (विभागाध्यक्ष, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. अंकित, डॉ. वैशाली (मुख्य एनेस्थेटिस्ट), डॉ. ज़ैनब और डॉ. शिखा सहित एक बहुविषयक टीम द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न की गई।
एम्स भोपाल का सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग हर साल लगभग 20,000 कैंसर मरीजों को सेवाएं देता है। मध्यप्रदेश और आसपास के राज्यों से आने वाले इन मरीजों के लिए यह सुविधा वरदान साबित होगी क्योंकि अब उन्हें बड़े शहरों या दूर-दराज़ के कैंसर सेंटर्स जाने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रो. माधवानंद कर न केवल एक बेहतरीन सर्जन हैं, बल्कि शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने देशभर के कई एम्स को मार्गदर्शन दिया है और युवा चिकित्सकों छात्रों को लगातार प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनका मानना है कि थोरासिक ऑन्कोलॉजी जैसी अत्याधुनिक सुविधा से इसोफेगस और फेफड़ों के कैंसर के मरीजों के लिए बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष ने कहा – “प्रो. माधवानंद कर के जुड़ने से एम्स भोपाल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने नई ऊँचाइयाँ पाई हैं। थोराकोस्कोपिक इसोफेगेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक स्टमक ट्यूब रिकंस्ट्रक्शन जैसी जटिल सर्जरी की शुरुआत मरीजों के लिए एक बड़ा तोहफा है।” एम्स भोपाल की यह नई पहल कैंसर मरीजों और उनके परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण है। अब मध्य भारत में ही मरीजों को विश्वस्तरीय कैंसर सर्जरी और उपचार उपलब्ध होगा।