89वें लेवल-ई मिड-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल एम्स भोपाल पहुँचा

भोपाल: 04 सितंबर 2025
एम्स भोपाल ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से आए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल की मेज़बानी की। यह प्रतिनिधिमंडल 89वें लेवल-ई मिड-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आया था, जिसका आयोजन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के तहत संविधान प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान (ISTM) द्वारा किया गया था। इस प्रतिनिधिमंडल में अंडर सेक्रेटरी और डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल थे। ये अधिकारी स्वास्थ्य, रेलवे, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, राजस्व, वस्त्र, प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD), ग्रामीण विकास, उच्च शिक्षा, युवा मामले एवं खेल, संस्कृति, गृह मंत्रालय, आयुष, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन, आवासन एवं शहरी कार्य, राजस्व विभाग (DoR), भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी, जल शक्ति, कृषि, जनजातीय कार्य और श्रम मंत्रालय जैसे अनेक मंत्रालयों से आए थे। प्रतिनिधिमंडल ने एम्स भोपाल की स्वास्थ्य सेवाओं की विविधता और गुणवत्ता की सराहना की। उन्होंने प्राथमिक देखभाल से लेकर उन्नत अंग प्रत्यारोपण तक की सेवाओं को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। साथ ही, एम्स भोपाल की रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण, पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था और स्वच्छ, हरा-भरा तथा पर्यावरण के अनुकूल परिसर की विशेष प्रशंसा की। इस भ्रमण का समन्वय प्रतिनिधियों की ओर से श्री दीपक कुमार बिष्ट, पाठ्यक्रम समन्वयक (ISTM) और श्री सुनील कुमार, अवर सचिव, राजस्व मंत्रालय ने किया।
इस अवसर पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. मधबानंद कर ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए संस्थान की मूल भावना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एम्स भोपाल का लक्ष्य उच्चस्तरीय चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान को बढ़ावा देने और विशेषकर ज़रूरतमंद समुदायों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने का है। एम्स भोपाल के कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक ने प्रतिनिधिमंडल को संस्थान की कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एम्स भोपाल में प्रतिदिन औसतन 6,500 से अधिक मरीज उपचार हेतु पहुँचते हैं और वर्ष 2025 में अब तक 14 लाख से अधिक रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएँ दी गई हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि एम्स भोपाल ने रोगी देखभाल में डिजिटल एकीकरण और आधुनिक तकनीक का व्यापक उपयोग शुरू किया है, जिससे मरीजों को और बेहतर सुविधा मिल रही है। डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया और पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय किया। इस अवसर पर उपनिदेशक (प्रशासन) श्री संदेश जैन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। यह अवसर न केवल एम्स भोपाल के लिए सम्मानजनक रहा, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि यहाँ दी जाने वाली सेवाएँ और नवाचार पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में देखे जा रहे हैं। आम नागरिकों के लिए यह सुखद संदेश है कि मध्य भारत में ही उन्हें विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध हो रही हैं।