एम्स भोपाल में कर्मयोगी जन सेवा प्रशिक्षण से मजबूत होगी ‘नागरिक-प्रथम’ सोच

भोपाल: 31 अगस्त 2025
एम्स भोपाल में 7 जुलाई से 4 सितम्बर 2025 तक राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान संस्थान के लगभग 2500 स्टाफ सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस विशेष पहल का उद्देश्य है कि सभी कर्मचारी ‘नागरिक-प्रथम’ सोच और सेवा-भाव को और मजबूत करें, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को और बेहतर अनुभव मिल सके। इस प्रशिक्षण के लिए एम्स भोपाल में 26 टीमों का गठन किया गया है, जिनमें 52 प्रशिक्षित फेसिलिटेटर्स शामिल हैं। ये टीमें करीब 75 एक-दिवसीय प्रशिक्षण सत्रों का संचालन करेंगी। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में पारंपरिक तरीके से कोई ‘ट्रेनर’ नहीं होता, बल्कि ‘फेसिलिटेटर’ होते हैं। उनका काम प्रतिभागियों को सिखाना नहीं, बल्कि उनके भीतर पहले से मौजूद सेवा-भाव को जगाना और उसे सही दिशा देना है। राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम भारत सरकार की एक परिवर्तनकारी पहल है। इसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को नागरिकों के प्रति अधिक संवेदनशील, उत्तरदायी और पारदर्शी बनाना है। इस कार्यक्रम के जरिए कर्मचारियों को यह समझने का अवसर मिलता है कि जनता की सेवा केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक नैतिक कर्तव्य है। एम्स भोपाल का मानना है कि नागरिक-केन्द्रित सेवा प्रणाली से मरीजों को न केवल बेहतर इलाज मिलेगा बल्कि उन्हें सम्मान और संवेदनशीलता से जुड़ा व्यवहार भी मिलेगा। इस कार्यक्रम के जरिए संस्थान अपने कर्मचारियों को लगातार प्रेरित कर रहा है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक जनहितैषी और उत्तरदायी बनाएं।