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पद्मश्री प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार महापात्रा एम्स भोपाल के नए अध्यक्ष बने

भोपाल: 14 अगस्त 2025

भारत सरकार द्वारा पद्मश्री प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार महापात्रा को एम्स भोपाल का अध्यक्ष और संस्थान सभा का सदस्य नामित किया गया है। डॉ. महापात्रा देश के सबसे प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जनों में से एक हैं, जिनके नैदानिक अभ्यास, चिकित्सीय शिक्षा और शोध में किए गए अग्रणी योगदानों ने भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दी है। वे एक साधारण परिवार से आते हैं और उनकी पारिवारिक जड़ें पुरी के राजघराने के सलाहकार के रूप में जुड़ी रही हैं। ओडिशा के मूल निवासी डॉ. महापात्रा ने एम्स नई दिल्ली में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण प्राप्त किया और एम.एस. (सर्जरी), एम.च. (न्यूरोसर्जरी) तथा डीएनबी (न्यूरोसर्जरी) की उपाधियाँ अर्जित कीं। अपने गौरवशाली करियर के दौरान उन्होंने एम्स नई दिल्ली में न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष, न्यूरोसाइंसेस सेंटर के प्रमुख और अनुसंधान डीन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। साल 2017 में उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली जब उन्होंने एम्स नई दिल्ली में 16 घंटे लंबे जटिल ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए ओडिशा के दो जुड़े हुए जुड़वां बच्चों ‘जगा और कलिया’ को अलग किया। यह ऐतिहासिक सर्जरी उन्होंने 30 डॉक्टरों की टीम के साथ सफलतापूर्वक पूरी की। यह उपलब्धि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई और भारत की चिकित्सा इतिहास में एक मील का पत्थर बनी।

डॉ. महापात्रा ने न्यूरोसर्जरी, सिर की चोट, स्कल-बेस सर्जरी, ग्रामीण मस्तिष्क सर्जरी, मिर्गी शल्य चिकित्सा और मस्तिष्क ट्यूमर के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने अब तक 870 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, 16 पुस्तकें लिखी हैं और 140 से अधिक पुस्तकों में अध्याय लिखे हैं। उनके शोध कार्य को 13,500 से अधिक उद्धरण प्राप्त हुए हैं, उनका एच-इंडेक्स 50 और आई10-इंडेक्स 355 है। वे 1998 से 2008 के बीच भारत में चिकित्सा प्रकाशनों में तीसरे स्थान पर और एम्स में सर्वाधिक प्रकाशन करने वाले वैज्ञानिक रहे। उन्होंने 12 पीएचडी शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया और 20 से अधिक शोध परियोजनाओं का संचालन किया, जिनके लिए उन्हें 10 करोड़ रुपये से अधिक का शोध अनुदान प्राप्त हुआ। सर्जरी कक्ष से परे, उन्होंने चिकित्सा नेतृत्व और संस्थान निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे एम्स भुवनेश्वर के निदेशक रहे, जहाँ उन्होंने संस्थान की नैदानिक और शैक्षणिक नींव को मजबूत किया। इसके अतिरिक्त, वे एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ के निदेशक तथा शिक्षा व अनुसंधान (SOA) विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के कुलपति भी रहे। उनके असाधारण योगदानों के लिए उन्हें अप्रैल 2025 में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्हें 2022 में सी. वी. रमन पुरस्कार (ओडिशा विज्ञान अकादमी) से भी सम्मानित किया गया। एम्स भोपाल के अध्यक्ष और संस्थान सभा सदस्य के रूप में डॉ. महापात्रा की यह नियुक्ति संस्थान की चिकित्सा सेवा, शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को और सशक्त करेगी। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और विशाल अनुभव से एम्स भोपाल की यह यात्रा और सशक्त होगी, जिससे प्रदेश और देश को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएँ प्राप्त होंगी और भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई गति मिलेगी।

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