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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी, बिहार में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया

भारत में यह हमारे पूर्वी राज्यों का युग है : प्रधानमंत्री

भोपाल : 18 जुलाई 2025

हमारा संकल्प है कि देश को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाए : प्रधानमंत्री

जो पिछड़े हैं, वही हमारी प्राथमिकता हैं; केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है, जिसके अंतर्गत कृषि के दृष्टिकोण से 100 सबसे पिछड़े जिलों की पहचान की जाएगी : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के मोतिहारी में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन तथा राष्ट्र को समर्पण किया। सावन माह की पवित्रता में बाबा सोमेश्वरनाथ के चरणों में नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहारवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चंपारण की भूमि है, जिसने इतिहास को दिशा दी है। स्वाधीनता संग्राम के दौरान इसी भूमि ने महात्मा गांधी को नई राह दिखाई। उन्होंने कहा कि अब यही भूमि नए बिहार का भविष्य भी गढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमूह और समस्त बिहारवासियों को इन विकास परियोजनाओं के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इक्कीसवीं सदी में विश्व तेजी से आगे बढ़ रहा है, और अब तक जिस विकास का नेतृत्व केवल पश्चिमी देशों के हाथ में था, उसमें अब पूर्वी देशों की भूमिका भी सशक्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि जैसे विश्व स्तर पर पूर्वी राष्ट्र आगे बढ़ रहे हैं, वैसे ही भारत में अब पूर्वी राज्यों का युग है। उन्होंने विश्वास जताया कि पूर्व का मोतिहारी अब पश्चिम के मुंबई जैसा विकास पाएगा। गया को गुरुग्राम जैसा अवसर, पटना को पुणे जैसी औद्योगिक पहचान और संथाल परगना को सूरत जैसी तरक्की मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार को विकसित राज्य बनाना पूर्वी भारत की प्रगति के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में विकास इसलिए संभव है क्योंकि केंद्र और राज्य, दोनों सरकारें बिहार की भलाई के लिए समर्पित हैं। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले के 10 वर्षों में बिहार को केवल ₹2 लाख करोड़ मिले थे, जबकि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में बिहार के विकास हेतु ₹9 लाख करोड़ से अधिक की राशि दी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दशक पहले बिहार की जो स्थिति थी, उसे आज की पीढ़ी को जानना चाहिए। पिछली सरकारों में विकास ठप था और गरीबों तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचता था। उन्होंने बताया कि आज पीएम आवास योजना के अंतर्गत देशभर में 4 करोड़ से अधिक घर बने हैं, जिनमें से लगभग 60 लाख बिहार में हैं। केवल मोतिहारी जिले में ही 3 लाख परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं। आज 12,000 से अधिक परिवारों को गृह प्रवेश की चाबियाँ सौंपी गई हैं। इसके साथ ही 40,000 से अधिक परिवारों को आर्थिक सहायता उनके खातों में भेजी गई है, जिनमें अधिकतर दलित, महादलित एवं पिछड़े वर्ग से हैं।

प्रधानमंत्री ने बिहार की माताओं-बहनों की भूमिका को सराहते हुए कहा कि वे सरकार के प्रत्येक निर्णय को गहराई से समझती हैं। उन्होंने बताया कि जनधन योजना के तहत बिहार की 3.5 करोड़ से अधिक महिलाओं के बैंक खाते खुले हैं और योजनाओं की राशि सीधे उनके खातों में जा रही है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने वृद्ध, दिव्यांग एवं विधवा महिलाओं की पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 कर दी है।

उन्होंने बताया कि बिहार के 24,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को पिछले डेढ़ माह में ₹1,000 करोड़ से अधिक की सहायता मिली है। उन्होंने ‘लक्ष्य 3 करोड़ लाखपति दीदी’ की योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि देशभर में 1.5 करोड़ महिलाएं पहले ही यह मुकाम प्राप्त कर चुकी हैं, जिनमें 20 लाख महिलाएं बिहार की हैं और केवल चंपारण में 80,000 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने महिलाओं की आर्थिक ताकत को बढ़ाने हेतु ₹400 करोड़ के सामुदायिक निवेश कोष के प्रावधान की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार तब आगे बढ़ेगा जब उसका युवा आगे बढ़ेगा। उन्होंने राज्य सरकार की पारदर्शी नियुक्तियों की सराहना की और कहा कि केंद्र सरकार भी बिहार के युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पहली बार निजी क्षेत्र में नियुक्त होने वाले युवाओं को ₹15,000 की सहायता दी जाएगी, जिसकी शुरुआत 1 अगस्त से होगी। इस योजना के लिए ₹1 लाख करोड़ की व्यवस्था की गई है।

प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना की सफलता का उल्लेख करते हुए बताया कि केवल चंपारण में 60,000 युवाओं को मुद्रा ऋण दिए गए हैं। उन्होंने अन्य दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो रोजगार के नाम पर जमीन छीनते थे, वे कभी भी लोगों को रोज़गार नहीं दे सकते।

प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि चंपारण, औरंगाबाद, गया और जमुई जैसे जिले अब नक्सलवाद की गिरफ्त से मुक्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवा अब बड़े सपने देख रहे हैं और सरकार देश को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि बिहार में क्षमता और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने मखाना की बढ़ती कीमतों का उल्लेख करते हुए बताया कि मखाना किसानों को अब बड़े बाजारों से जोड़ा जा रहा है और एक मखाना बोर्ड का गठन किया गया है। केले, लीची, कटारनी चावल, ज़र्दालू आम, मगही पान जैसे उत्पाद बिहार की कृषि समृद्धि को दर्शाते हैं और अब ये वैश्विक बाजारों से जुड़ेंगे।

प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक ₹3.5 लाख करोड़ की राशि किसानों को दी जाने की जानकारी दी और बताया कि मोतिहारी में ही 5 लाख से अधिक किसानों को ₹1,500 करोड़ मिले हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार केवल वादे नहीं करती, बल्कि कार्य करती है। पिछड़े क्षेत्र व वर्ग उनकी प्राथमिकता में हैं। 110 से अधिक जिलों को आकांक्षी जिलों के रूप में विकसित किया गया है। सीमावर्ती गांवों को “अंतिम” नहीं बल्कि “प्रथम गांव” मानकर विकास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंज़ूरी दी है, जिसके अंतर्गत कृषि के लिहाज से पिछड़े 100 जिलों की पहचान की जाएगी और 1.75 करोड़ किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, जिनमें बड़ी संख्या बिहार के किसान होंगे।

प्रधानमंत्री ने बताया कि हजारों करोड़ रुपये की लागत से रेलवे व सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास हुआ है। उन्होंने मोतिहारी-बापूधाम से आनंद विहार, दिल्ली के लिए अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। मोतिहारी स्टेशन का पुनर्विकास और दरभंगा-नरकटियागंज रेलखंड के दोहरीकरण की जानकारी भी दी।

उन्होंने चंपारण के सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि राम-जानकी पथ मोतिहारी के सत्तरघाट, केसरीया, चकिया और मधुबन से गुजरेगा, और सीतामढ़ी से अयोध्या तक नई रेललाइन से यात्रा सुगम होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने वर्षों तक गरीबों, दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों के नाम पर केवल राजनीति की और उन्हें समान अधिकार नहीं दिया। उन्होंने वर्तमान बिहार सरकार के कार्यों की सराहना की और बिहार को एक नया भविष्य देने का संकल्प दोहराया।

समारोह में बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार तथा केंद्रीय मंत्रीगण — श्री जितन राम मांझी, श्री गिरिराज सिंह, श्री राजीव रंजन सिंह, श्री चिराग पासवान, श्री रामनाथ ठाकुर, श्री नित्यानंद राय, श्री सतीश चंद्र दुबे, डॉ. राज भूषण चौधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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