भोपाल जिले के रेस्टोरेंट , खाद्य प्रतिष्ठानों में जांच – खाद्य पदार्थो एवं डेरी उत्पाद के खिलाफ अभियान: कलेक्टर ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

भोपाल: 3 जुलाई 2025
भोपाल ज्यादा लाभ कमाने के लिये अनुचित तरीके अपनाकर नागरिकों को पनीर एवं अन्य खाद्य पदार्थों के नाम पर एनालॉग पनीर एवं अन्य उत्पाद का विक्रय करने वाले संस्थानों के विरुद्ध जिले में सख्त कार्यवाही जारी।
श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह कलेक्टर भोपाल ने आज मंगलवार को खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग के अधिकारियों पनीर एवं एनालॉग पनीर एवं अन्य खाद्य पदार्थों डेरी उत्पाद की जांच के लिये जिले में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं।
कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग पनीर और एनॉलाग पनीर के बीच क्या अंतर है तथा सामान्य तौर पर इनकी पहचान कैसे की जा सकती है इस बारे में बाजार में बिक रहे पनीर एवं एनॉलाग पनीर की नियमित रूप से सघन जांच करने के साथ-साथ पनीर के नाम पर बेचे जा रहे एनॉलाग पनीर के निर्माण एवं विक्रय स्थलों का आकस्मिक निरीक्षण कर नमूना लेने तथा पनीर के नाम पर एनॉलाग पनीर एवं डेरी उत्पाद का निर्माण या विक्रय पाये जाने पर मौके पर नमूना निरीक्षण करने तथा वैधानिक कार्यवाही करने की हिदायत भी दी। ज्ञात हो कि हाल ही में प्रशासन के संज्ञान मे उपभोगताओं को मिल्क फेट युक्त पनीर बताकर एनॉलाग पनीर का विक्रय किया जा रहा है।
खाद्य प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थो में सतत कार्यवाही जारी
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि नागरिकों द्वारा खरीदते समय पनीर मिल्क फेट से बना है या एनालॉग पनीर है इसकी पर ही परीक्षण किया जा सकता है ।इसी प्रकार एनॉलाग पनीर टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे डालने पर भूरा अथवा नीला पड़ जाता है बताया गया कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 विनियम 2011 की धारा 50 के अनुसार क्रेता द्वारा मांगी गई प्रकृति का खाद्य पदार्थ विक्रय न किये जाने पर अथवा मिथ्याछाप खाद्य पदार्थ का विक्रय करने पर दो लाख रूपये तक जुर्माने का प्रावधान है। यदि पनीर के नमूने में यूरिया अथवा डिटर पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में जुर्माने के साथ-साथ कारावास की सजा का भी प्रावधान है।खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अभिहित अधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार वर्मा के निर्देशन में विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने लगातार कार्यवाही करते हुए दो दर्जन रेस्टोरेंट एवं डेरी यो का निरीक्षण कर 18 नमूने जांच हेतु लेकर खाद्य प्रयोगशाला भेजे गए हैं जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण माननीय सक्षम न्यायालय में पंजीबद्ध किया जाएगा।