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राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम के तहत एम्स भोपाल में 2500 कर्मचारियों को सेवा भावना का प्रशिक्षण

भोपाल: 08 जुलाई, 2025

एम्स भोपाल में कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम के फेज-2, स्टेज-3 का आयोजन 7 जुलाई 2025 से 4 सितम्बर 2025 तक किया जा रहा है। इस चरण में संस्थान के लगभग 2500 स्टाफ सदस्यों को एक दिवसीय सत्र के माध्यम से नागरिक-प्रथम सोच और सेवा-भाव को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस चरण का पहला सत्र 7 जुलाई 2025 को डॉ. अश्विन और डॉ. अहमद द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस पहल के अंतर्गत कुल 26 टीमों का गठन किया गया है, जिनमें 52 प्रशिक्षित फेसिलिटेटर्स शामिल हैं, और ये टीमें लगभग 75 प्रशिक्षण सत्रों का संचालन करेंगी। भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम एक परिवर्तनकारी प्रयास है, जिसका उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों के दृष्टिकोण को जनसेवा की ओर पुनः परिभाषित करना और सरकारी तंत्र में जवाबदेही, संवेदनशीलता एवं सेवा भावना को संस्थागत रूप देना है।

कार्यक्रम की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि “राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम पारंपरिक प्रशिक्षण पद्धति से भिन्न है। इसमें कोई ‘ट्रेनर’ नहीं होते, बल्कि ‘फेसिलिटेटर’ होते हैं, जो प्रतिभागियों को कुछ सिखाने के बजाय उन्हें स्वयं के भीतर छिपे सेवा भाव को खोजने और समझने में मार्गदर्शन करते हैं। यह एक ऐसी यात्रा है जो प्रत्येक कर्मी में सेवा-भाव को जागृत करती है और हमारी सेवा प्रणाली को नागरिक-केन्द्रित बनाती है।” उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के फेज-2, स्टेज-2 का समापन 14 जून 2025 को हुआ था, जिसमें 52 प्रतिभागियों ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया था। एम्स भोपाल निरंतर जनसेवा, उत्तरदायित्व और नैतिक प्रशासन जैसे मूल्यों को अपने संस्थागत ढांचे में आत्मसात करने की दिशा में प्रतिबद्ध है और यह कार्यक्रम इसी संकल्प का सशक्त उदाहरण है।

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