भोपालमध्य प्रदेशराज्यस्वास्थ्य

एम्स भोपाल का ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग: आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में उत्कृष्टता का नया अध्याय

भोपाल: 27 जुलाई 2025

कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में एम्स भोपाल के ट्रॉमा एवं इमरजेंसी चिकित्सा (TEM) विभाग में संरचनात्मक और संचालनात्मक सुधारों की एक श्रृंखला लागू की गई है, जिससे आपातकालीन सेवाओं की गुणवत्ता, त्वरितता और पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन व्यापक सुधारों के परिणामस्वरूप विभाग में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो जनता के बढ़ते विश्वास का स्पष्ट संकेत है। वर्ष 2022 में TEM विभाग में कुल 36,696 मरीजों ने उपचार प्राप्त किया, जो वर्ष 2023 में बढ़कर 54,500 हो गया—यह 48.5% की वृद्धि है। इसके पश्चात वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 85,435 तक पहुंच गया, जो वर्ष 2023 की तुलना में 56.7% की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाता है। यह लगातार बढ़ती संख्या दर्शाती है कि एम्स भोपाल की इमरजेंसी सेवाओं को जनता ने कितनी गंभीरता और विश्वास के साथ अपनाया है। ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग में लागू किए गए प्रमुख सुधारों में 24×7 वरिष्ठ चिकित्सकों की ऑन-फ्लोर उपस्थिति, ‘नो रिफ्यूजल पॉलिसी’, समयबद्ध अंतरविभागीय प्रतिक्रिया तंत्र, रेफरल की ट्रैक की जाने वाली और दस्तावेजीकृत प्रणाली, और गंभीर मामलों की प्राथमिकता के लिए ऑफ-ऑवर के दौरान बाह्य रेफरलों की स्क्रीनिंग शामिल है।

इसके अतिरिक्त, स्थिर रोगियों को 48 घंटों के भीतर संबंधित विभागों में अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जा रहा है ताकि बिस्तरों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित हो सके। बेहतर समन्वय के लिए इनपेशेंट यूनिट्स के साथ मिलकर ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित बनाया गया है। बेड ऑक्यूपेंसी की निगरानी के लिए डिजिटल प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, जिससे त्वरित निर्णय लेने में सहायता मिलती है। आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर स्लॉट्स की उपलब्धता से सर्जिकल वॉल्यूम में वृद्धि हुई है और जटिल आपातकालीन मामलों के लिए आईसीयू सपोर्ट को भी सुदृढ़ किया गया है। प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और सशक्त बनाने हेतु दो डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स (DMS) को विशेष रूप से ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग की व्यवस्था के लिए नामित किया गया है। इसके अतिरिक्त, अब विभाग में ऑन-साइट मेडिको-लीगल सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे कानूनी दस्तावेजीकरण में तेजी आई है और देरी में कमी आई है। 24×7 STAT लैब्स की सुविधा से तात्कालिक जांच रिपोर्ट्स उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे चिकित्सकीय निर्णयों में तीव्रता आई है। साथ ही, विभाग में शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत भी की गई है, जिससे भविष्य के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सके।

इन सुधारों के बारे में प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “आपातकालीन चिकित्सा किसी भी तृतीयक स्वास्थ्य संस्थान की रीढ़ होती है। एम्स भोपाल में हमारा प्रयास है कि हर मरीज को समय पर, संवेदनशील और सुसंगठित सेवाएं प्राप्त हों जो उसकी जान बचा सकें। TEM विभाग में किए गए यह सुधार न केवल हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, बल्कि यह दर्शाते हैं कि जनता का हम पर भरोसा लगातार बढ़ रहा है। यह आंकड़े केवल संख्याएं नहीं हैं, बल्कि हमारी सेवाओं की प्रभावशीलता का प्रमाण हैं। हम आगे भी नवाचार और उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर रहेंगे।

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