भोपालमध्य प्रदेशराज्यस्वास्थ्य

एम्स भोपाल में करुणामय चिकित्सकीय संवाद पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन: शब्दों की उपचारात्मक शक्ति

भोपाल: 30 जून 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, फिजियोलॉजी विभाग द्वारा 30 जून 2025 को “वर्ड्स दैट हील: मास्टरिंग कम्युनिकेशन इन मेडिकल प्रैक्टिस” विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश आकाशवाणी के प्रमुख एवं समन्वयक श्री राजेश भट्ट ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। श्री भट्ट ने रोगी देखभाल में करुणामय संवाद की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, “हर वह शब्द जो आप एक रोगी से बोलते हैं, उसमें आपकी आत्मा की सच्ची तरंग होनी चाहिए, जो उपचार की भावना और करुणा की ऊर्जा से पूर्ण हो।” उनके विचारों ने उपस्थित जनसमूह—जिसमें फैकल्टी सदस्य, एमबीबीएस एवं नर्सिंग छात्र और एम्स भोपाल के कर्मचारी शामिल थे—को गहराई से प्रभावित किया। आज के समय में जब स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं, ऐसे में रोगियों एवं उनके परिजनों के साथ सहानुभूतिपूर्ण और संतुलित संवाद स्थापित करना पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है। इस व्याख्यान में उपस्थित जनों को क्लीनिकल और शैक्षणिक परिदृश्य के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। वक्ता ने सक्रिय श्रवण की महत्ता पर बल दिया—जिसमें रोगियों की बातों को पूरी संवेदनशीलता और एकाग्रता से सुनना शामिल है। उन्होंने गैर-मौखिक संवाद की प्रभावशीलता को भी रेखांकित किया जैसे सकारात्मक शारीरिक भाषा तथा एक वृद्ध रोगी के कंधे पर चिकित्सक का सहानुभूतिपूर्ण स्पर्श जो मरीज़ के प्रति चिकित्सक की संवेदना एवं लगाव को दर्शाता है।”

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने व्याख्यान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “प्रभावी संवाद एक सहानुभूतिपूर्ण और दक्ष चिकित्सकीय अभ्यास की आधारशिला है। यह रोगियों को उपचार प्रदान करने में नैदानिक कौशल जितना ही आवश्यक है। यह व्याख्यान हमारे छात्रों और स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर देखभालकर्ता बनने में निश्चित रूप से सहायता करेगा।” कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) रजनीश जोशी (डीन, एकेडमिक्स) उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) संतोष वाकोडे (विभागाध्यक्ष, फिजियोलॉजी) ने की। इस कार्यक्रम में फोरेंसिक मेडिसिन एवं विषविज्ञान विभाग की प्रोफेसर एवं प्रमुख डॉ. अरनीत अरोड़ा की विशेष उपस्थिति रही। आयोजन टीम में डॉ. वरुण मल्होत्रा (अतिरिक्त प्रोफेसर, फिजियोलॉजी) तथा वैज्ञानिक समिति के सदस्य—डॉ. रजाय भारशंकर, डॉ. संदीप हुलके, डॉ. रुचि सिंह, डॉ. रचना पराशर, डॉ. सुनील चौहान, डॉ. अविनाश ठकारे, डॉ. रागिनी श्रीवास्तव और डॉ. रेखा जिवाने—शामिल रहे। इस व्याख्यान के माध्यम से प्रतिभागियों ने प्रभावी संवाद हेतु व्यावहारिक, साक्ष्य-आधारित रणनीतियाँ सीखी, जिससे चिकित्सकीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने और रोगी देखभाल की समग्र गुणवत्ता को बेहतर करने में सहायता मिलेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!