एम्स भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने स्थापना के 12 वर्ष पूर्ण होने पर ‘संक्रमण नियंत्रण एवं प्रतिजैविक प्रतिरोध’ विषयक सीएमई का किया आयोजन

भोपाल: 26 जुलाई 2025
कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में एम्स भोपाल स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इसी क्रम में माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने अपनी स्थापना के 12 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम ‘इन्फेक्शन कंट्रोल एंड एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR)’ का आयोजन किया। इस मौके पर विभाग की वार्षिक रिपोर्ट तथा वर्ष 2025 की H1 एंटीबायोग्राम का विमोचन किया गया, जो चिकित्सकों को संक्रमण के उपचार में एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण एवं प्रभावी उपयोग के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। कार्यक्रम में एम्स भोपाल के फैकल्टी सदस्य, रेजिडेंट डॉक्टर, पीएचडी शोधार्थी, तकनीकी एवं नर्सिंग स्टाफ सहित मध्यप्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों, स्वास्थ्य संस्थानों एवं कॉर्पोरेट अस्पतालों से आए 200 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सीएमई के दौरान आयोजित वैज्ञानिक सत्रों में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से आमंत्रित विशेषज्ञों ने एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस, संक्रमण नियंत्रण, IPC ऑडिट्स तथा डायग्नोस्टिक प्रोटोकॉल्स जैसे समसामयिक विषयों पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंतर्गत IPC विषय पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। समापन सत्र के दौरान विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “एम्स भोपाल का माइक्रोबायोलॉजी विभाग संस्थान की प्रमुख इकाइयों में से एक है, जिसने बीते 12 वर्षों में नैदानिक उत्कृष्टता, संक्रमण नियंत्रण और अनुसंधान के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान दिया है। यह सीएमई केवल ज्ञानवर्धन का अवसर नहीं है, बल्कि यह हमें प्रतिजैविक प्रतिरोध जैसी वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की ओर प्रेरित करता है। विभाग द्वारा प्रकाशित एंटीबायोग्राम, चिकित्सकों और जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा।”