RGPV में फैकल्टी की मनमानी और महिला प्राध्यापकों के शोषण के खिलाफ अभाविप का विरोध, कुलपति और कार्यपरिषद को सौंपे ज्ञापन

भोपाल: 11 जुलाई 2025
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (UIT) के कंप्यूटर साइंस विभाग में हो रही गंभीर अनुशासनहीनता, महिला गेस्ट फैकल्टी के साथ अभद्र व्यवहार, मानसिक उत्पीड़न, और छात्रों के साथ दुर्व्यवहार के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को दो ज्ञापन सौंपे गए।
पहला ज्ञापन कुलगुरु महोदय को दिया गया, जिसमें विभाग के प्राध्यापक उदय चौरसिया एवं विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष अहिरवार के विरुद्ध अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। दूसरा ज्ञापन कार्यपरिषद सदस्यों को गुलाब का फूल भेंट कर सौंपा गया, जिसमें विभाग में बीते वर्षों से चल रही अंदरूनी गुटबाजी, पक्षपात, और महिला फैकल्टी के उत्पीड़न की विस्तृत जानकारी दी गई।
ज्ञापन में यह बताया गया कि डॉ. मनीष अहिरवार ने विश्वविद्यालय परिसर में हथियार लहराकर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को धमकाया, जो सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत गंभीर विषय है। अभाविप ने यह बताया कि पूर्व में भी प्राध्यापक उदय चौरसिया एवं विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष अहिरवार पर दर्ज किए गए प्रकरण में दोषी पाए जाने के बाद भी कोई करवाई नहीं की गई।
महानगर मंत्री शिवम् जाट ने कहा:
“RGPV जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में महिला फैकल्टी के साथ इस प्रकार का व्यवहार अत्यंत निंदनीय है। हम मांग करते हैं कि दोषियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। विद्यार्थी परिषद महिला सम्मान और छात्र हितों के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी और इसे लोगो को विश्वविद्यालय से बाहर निकलने का काम विद्यार्थी परिषद करेगी।
प्रांत सह मंत्री हिमांशु शर्मा ने कहा:
“अब समय आ गया है कि ऐसे प्राध्यापक, जो अपनी कुर्सी का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए। विद्यार्थी परिषद ने शांतिपूर्वक ज्ञापन सौंपा है, परंतु यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
ABVP की प्रमुख मांगें:
1. दोनों प्राध्यापकों पर निष्पक्ष जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
2. परिसर में हथियार लहराने की घटना पर कठोर कानूनी कार्यवाही हो।
3. महिला फैकल्टी और छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
4. दोनों प्राध्यापकों को प्रशासनिक कार्यों से तत्काल हटाया जाए।
5. डिग्रियों की सत्यता एवं पदस्थापना की स्थिति सार्वजनिक की जाए।
विद्यार्थी परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो अभाविप चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। विश्वविद्यालय को अनुशासन, पारदर्शिता और सुरक्षा का केंद्र बनाना आवश्यक है।