करिश्मा: एम्स भोपाल ने दुर्घटना में लोहे की घुसी छड़ को निकलकर घायल श्रमिक की जान बचाई

भोपाल: 26 सितंबर 2025
कामतारा (जिला हरदा) के 23 वर्षीय श्रमिक के निर्माण स्थल पर गिरने से धातु की एक छड़ उसके दाहिने हिस्से की छाती में धंस गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। नज़दीकी अस्पतालों में प्राथमिक उपचार मिलने के बाद मरीज को गंभीर अवस्था में एम्स भोपाल रेफ़र किया गया। गंभीर स्थिति के कारण मरीज को एम्स भोपाल पहुँचते ही वेंटिलेटर पर रखा गया और आपातकालीन सर्जरी की गई। 90 मिनट तक चली इस जटिल सर्जरी में मरीज की दाहिनी छाती को ऑपरेशन कर खोला गया और धातु की छड़ सावधानीपूर्वक निकाली गई। एम्स भोपाल के ट्रॉमा सर्जन डॉ. अमित प्रियदर्शी ने यह जटिल ऑपरेशन सीटीवीएस विभाग के सहयोग से सफलतापूर्वक किया।
कामतारा (जिला हरदा) के 23 वर्षीय श्रमिक के निर्माण स्थल पर गिरने से धातु की एक छड़ उसके दाहिने छाती में धंस गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। नज़दीकी अस्पतालों में केवल प्राथमिक उपचार मिलने के बाद मरीज को गंभीर अवस्था में एम्स भोपाल रेफ़र किया गया। गंभीर स्थिति के कारण मरीज को एम्स भोपाल पहुँचते ही कृत्रिम श्वास यंत्र (वेंटिलेटर) पर रखा गया। ऑपरेटिंग थिएटर और ब्लड बैंक को सतर्क करने के लिए कोड ट्रॉमा सक्रिय किया गया और आपातकालीन सर्जरी की गई। 90 मिनट तक चली इस जटिल सर्जरी में मरीज की दाहिनी छाती को ऑपरेशन कर खोला गया और धातु की छड़ सावधानीपूर्वक निकाली गई। मरीज के दाहिने फेफड़े में भी चोट थी, जिसे ऑपरेशन के दौरान ठीक किया गया।
ऑपरेशन के बाद मरीज को रिकवरी के लिए आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। यह जटिल ऑपरेशन डॉ. अमित प्रियदर्शी (सहायक प्रोफेसर, ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग) द्वारा सीटीवीएस विभाग के सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. सौरभ त्रिवेदी (सहायक प्रोफेसर, ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग), डॉ. विक्रम वट्टी (सहायक प्रोफेसर, सीटीवीएस विभाग), डॉ. अभय, डॉ. अक्षय, डॉ. नितिन और डॉ. संकल्प शामिल थे। नर्सिंग टीम में श्री मोनू, सुश्री जरीना और श्री सोनू थे, जिनका नेतृत्व श्री मनोज मीना ने किया।