भोपालमध्य प्रदेशस्वास्थ्य

एम्स भोपाल के एमडी छात्रों को फॉरेंसिक मेडिसिन अनुसंधान हेतु आईसीएमआर से थिसिस अनुदान प्राप्त

भोपाल: 20 सितंबर 2025

एम्स भोपाल चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट पहचान बना रहा है। इसी क्रम में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के दो एमडी छात्रों को आईसीएमआर एमडी थिसिस ग्रांट प्रदान किया गया है। यह उपलब्धि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा अनुसंधान प्रस्तावों की गुणवत्ता, छात्र शोधकर्ताओं की क्षमता और संस्थान की उत्कृष्टता पर जताए गए विश्वास को दर्शाती है।

अनुसंधान कार्य इस प्रकार हैं:

एमडी अनुसंधान का शीर्षक: “द रोल ऑफ रेडियोलॉजिकल ऐंड बायोकैमिकल पैरामीटर्स इन सीएसएफ: अ नोवेल अप्रोच टू डिटर्मिन द पोस्टमार्टम इंटरवल”

छात्र शोधकर्ता: डॉ. पुष्पांजलि टी., जूनियर रेज़िडेंट

मार्गदर्शक: डॉ. रघवेन्द्र कुमार विदुआ, प्रोफेसर, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग

सह-मार्गदर्शक: डॉ. निरंजन साहू, एसोसिएट प्रोफेसर, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग; डॉ. अशोक कुमार, प्रोफेसर, बायोकैमिस्ट्री विभाग; एवं डॉ. अंकुर पटेल, एसोसिएट प्रोफेसर, रेडियोडायग्नोसिस विभाग, एम्स भोपाल।

एमडी अनुसंधान का शीर्षक: “हिस्टोलॉजिकल एनालिसिस ऑफ यूटेरस ऐंड ओवरी, इंटरप्ले ऑफ लिपिड मेटाबॉलिज़्म, इंफ्लैमेटरी मार्कर्स ऐंड साइकॉलॉजिकल फैक्टर्स इन सुसाइडल डेथ्स अमंग वीमेन ऑफ रिप्रोडक्टिव एज ग्रुप – ऐन ऑटोप्सी बेस्ड क्रॉस सेक्शनल स्टडी”

छात्र शोधकर्ता: डॉ. अबर्ना श्री एस.बी., जूनियर रेज़िडेंट

मार्गदर्शक: डॉ. अतुल एस. केचे, अतिरिक्त प्रोफेसर, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग

सह-मार्गदर्शक: डॉ. अर्नीत अरोड़ा, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग; डॉ. अश्विन लक्ष्मीकांत कोटनिस, प्रोफेसर, बायोकैमिस्ट्री विभाग; डॉ. उज्जवल खुराना, अतिरिक्त प्रोफेसर, पैथोलॉजी एवं लैब मेडिसिन विभाग; एवं डॉ. रोशन एफ. सुतार, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोरोग विभाग।

आईसीएमआर द्वारा ₹50,000/- की वित्तीय सहायता दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त ₹30,000/- की होगी जो अंडरटेकिंग और मैंडेट फॉर्म जमा करने के बाद जारी होगी। दूसरी किस्त ₹20,000/- की होगी, जो थिसिस प्रस्तुत करने एवं किसी एक पीयर-रिव्यूड जर्नल में प्रकाशन के बाद जारी की जाएगी। यह अनुदान पाठ्यक्रम की समाप्ति पर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने पर दिया जाएगा। यह उपलब्धि एम्स भोपाल के शैक्षणिक और अनुसंधान वातावरण की मजबूती को दर्शाती है और संस्थान के फॉरेंसिक एवं विधि-वैज्ञानिक अनुसंधान क्षेत्र में योगदान की राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती मान्यता को रेखांकित करती है।

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