एमबीबीएस एवं बीएससी नर्सिंग के नए विद्यार्थियों के लिए एम्स भोपाल में ओरिएंटेशन

भोपाल: 26 अगस्त 2025
एम्स भोपाल स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है। सेंटर फॉर मेडिकल एजुकेशन टेक्नोलॉजी (सीएमईटी) द्वारा नवप्रवेशी एमबीबीएस और बीएससी नर्सिंग छात्रों के लिए फाउंडेशन कोर्स का आयोजन किया गया। इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक वातावरण, व्यावसायिक मूल्यों और एम्स भोपाल के समग्र शैक्षिक ढांचे से परिचित कराना था। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर, कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ, एम्स भोपाल का एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों द्वारा पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। सीएमईटी की ओर सदस्य सचिव, सीएमईटी ने छात्रों को संबोधित किया और एम्स भोपाल की विश्वस्तरीय सुविधाओं की जानकारी साझा की, जिनमें सेंट्रल लाइब्रेरी, स्टूडेंट वेलफेयर एंड सपोर्ट ग्रुप, आधुनिक कैम्पस सुविधाएँ तथा आयुष विभाग के माध्यम से एलोपैथी, यूनानी और होम्योपैथी को एकीकृत करने की पहल शामिल है। उन्होंने व्यावसायिकता, संचार कौशल और समग्र विकास के महत्व पर भी जोर दिया।
छात्रों को संबोधित करते हुए प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने उन्हें एम्स भोपाल में प्रवेश के लिए बधाई दी और कहा कि एम्स तीन चीज़ों के लिए जाना जाता है—अनुसंधान, प्रशिक्षण और रोगी देखभाल। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा केवल एक सेवा नहीं है, बल्कि देखभाल और संवेदनशीलता का कार्य है। उन्होंने छात्रों को सफलता के लिए ‘5C Key’ साझा की: कभी भी दूसरों से तुलना (Compare) न करें क्योंकि आप मौलिक हैं, अपनी रचनात्मकता (Creativity) और मौलिकता बनाए रखें, संचार (Communicative) कौशल विकसित करें, अपने क्षेत्र में सदैव कुशल (Competent) रहें और सबसे बढ़कर करुणा (Compassion) रखें, जिसे समर्पण और दृढ़ निश्चय से समर्थन मिले। उन्होंने छात्रों से अनुशासित रहने, अपने शिक्षकों का सम्मान करने और उनके मार्गदर्शन का पालन करने का भी आग्रह किया। प्रो. कर ने संस्कृत श्लोक उद्धृत किया: “यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा, शास्त्रं तस्य करोति किम्? लोचनाभ्यां विहीनस्य, दर्पणः किम् करिष्यति?” अर्थात्, “जिस व्यक्ति के पास स्वयं की बुद्धि और विवेक नहीं है, उसके लिए शास्त्रों का ज्ञान किसी काम का नहीं होता; जैसे नेत्रहीन के लिए दर्पण का कोई उपयोग नहीं है।” इस उदाहरण से उन्होंने आत्मज्ञान और आंतरिक विवेक के महत्व को रेखांकित किया।
इसके बाद डीन (शैक्षणिक) ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वास्तविक शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अवलोकन, चिंतन और अनुभव से प्राप्त होती है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवा आजीवन सीखने का व्यवसाय है। साथ ही उन्होंने छात्रों को एम्स भोपाल की आधिकारिक वेबसाइट पर स्टूडेंट कॉर्नर सेक्शन देखने का सुझाव दिया, जहाँ पाठ्यक्रम और अन्य महत्वपूर्ण शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध हैं, जो उनकी पढ़ाई को समृद्ध करेंगे। इस फाउंडेशन कोर्स के माध्यम से एम्स भोपाल ने एक बार फिर इस संकल्प को दृढ़ किया कि वह केवल कुशल चिकित्सक और नर्स ही नहीं, बल्कि ऐसे संवेदनशील और जिम्मेदार मानव संसाधन तैयार करेगा, जो सहानुभूति और उत्कृष्टता के साथ समाज की सेवा कर सकें।