एम्स भोपाल के प्रोफेसर को MELECON 2025 में फोरेंसिक नवाचारों हेतु सम्मान

भोपाल: 23 अगस्त 2025
एम्स भोपाल लगातार वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर रहा है और फोरेंसिक मेडिसिन के क्षेत्र में नई दिशाएँ तय कर रहा है। एम्स भोपाल के फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ ने नेपाल की मेडिकोलीगल सोसाइटी द्वारा आयोजित MELECON 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने शोध कार्य “फॉरेंसिक सैंपल प्रिज़र्वेशन में नवाचार” पर प्रस्तुति दी और बताया कि किस प्रकार यह तकनीकें सटीक विश्लेषण सुनिश्चित करने, पक्षपात को कम करने तथा आपराधिक न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने में सहायक हैं। उनके नेतृत्व में छात्र सहभागिता के साथ विकसित इन अत्याधुनिक तकनीकों में टैम्पर-प्रूफ सैंपल ड्रायर (जिसे डिज़ाइन ऑफिस द्वारा कॉपीराइट प्राप्त है), सैंपल के सुरक्षित परिवहन हेतु विशेष रिपॉज़िटरी, कस्टमाइज़्ड फोरेंसिक लेबल एवं वॉइड टेप्स तथा साक्ष्यों के मानकीकृत संरक्षण हेतु सॉल्ट सॉल्यूशन मेकर और डिस्पेंसर शामिल हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा वित्तपोषित यह शोध भारत में चिकित्सकीय-वैधानिक साक्ष्यों के प्रबंधन को और अधिक सुदृढ़ बना रहा है। अपने व्याख्यान में उन्होंने भारत के कई हाई-प्रोफाइल मामलों का उल्लेख किया, जहाँ अदालतों ने पर्याप्त फोरेंसिक साक्ष्यों की अनुपलब्धता पर चिंता जताई थी। उन्होंने सशक्त संरक्षण तकनीकों की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए यह भी प्रदर्शित किया कि एम्स भोपाल में विकसित नवाचार किस तरह साक्ष्यों की पवित्रता और उनके वैधानिक महत्व को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। उनके उत्कृष्ट योगदान की सराहना करते हुए MELECON 2025 में डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ को “ब्रांड एम्बेसडर अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया। उनकी यह उपलब्धि न केवल भारत में फोरेंसिक विज्ञान को आगे बढ़ा रही है, बल्कि नेपाल सहित अन्य देशों के युवा पेशेवरों को भी प्रेरित कर रही है।