चिकित्सा उपकरणों से होने वाले दुष्प्रभावों पर एम्स भोपाल का ग्रामीण जागरूकता कार्यक्रम

भोपाल: 16 अगस्त 2025
एम्स भोपाल के फार्माकोलॉजी विभाग ने सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग के सहयोग से ग्रामीण समुदाय के बीच चिकित्सा उपकरणों से होने वाली संभावित प्रतिकूल घटनाओं के प्रति जागरूकता अभियान आयोजित किया। यह कार्यक्रम बुधवार को रायसेन जिले के ओबैदुल्लागंज ब्लॉक के नंदोरा प्राथमिक विद्यालय तथा टेकरी गांव में आयोजित किया गया। यह जागरूकता अभियान “मैटेरियोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (MvPI)” के अंतर्गत आयोजित किया गया। एम्स भोपाल, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के लिए “मेडिकल डिवाइस एडवर्स इवेंट रिपोर्टिंग मॉनिटरिंग सेंटर (MDMCs)” और “रीजनल ट्रेनिंग सेंटर (RTC-M)” के रूप में कार्य करता है। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण नागरिकों को चिकित्सा उपकरणों जैसे स्टेंट, पेसमेकर, इम्प्लांट आदि से जुड़ी प्रतिकूल घटनाओं को पहचानने और रिपोर्ट करने के महत्व के बारे में जानकारी देना था। सहज संवाद और चर्चाओं के माध्यम से ग्रामीणों को बताया गया कि यदि किसी उपकरण के प्रयोग के बाद कोई दिक्कत या असामान्य समस्या सामने आती है तो उसे समय पर पहचानकर चिकित्सकों को सूचित करना क्यों ज़रूरी है। यह जानकारी न केवल मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि समय पर उपचार में भी मददगार होगी। इस अवसर पर मैटेरियोविजिलेंस के रिसर्च एसोसिएट तथा फार्माकोलॉजी विभाग के रेज़िडेंट डॉक्टरों ने प्रतिभागियों को प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया समझाई और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। यह पहल एम्स भोपाल की रोगी सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नंदोरा और टेकरी के प्राथमिक विद्यालयों के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता सीधे गांवों तक पहुँचाना कितना महत्वपूर्ण है।