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भोपाल मंडल ने विकसित किया ‘स्पीडो विजन’ सॉफ्टवेयर, अब लोको पायलट की ड्राइविंग रिपोर्ट तैयार होगी मिनटों में

भोपाल : 21 जुलाई 2025

यात्रियों की सुरक्षा, संचालन में पारदर्शिता और लोको पायलट की कार्यप्रणाली में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मंडल ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहल की है। मंडल के इन-हाउस प्रयासों से विकसित किया गया ‘Speed Vision’ नामक आधुनिक सॉफ्टवेयर लोकोमोटिव स्पीडोमीटर डेटा का तेज, सटीक और स्वचालित विश्लेषण कर संचालन रिपोर्ट मिनटों में तैयार करने में सक्षम है।

इस सॉफ्टवेयर का उद्घाटन हाल ही में पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय द्वारा गुना क्रू लॉबी में किया गया। यह सॉफ्टवेयर भोपाल मंडल के मुख्य लोको निरीक्षक श्री सुरेंद्र श्रीवास्तव द्वारा, मंडल रेल प्रबंधक श्री देवाशीष त्रिपाठी और वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (टीआरओ) श्री सचिन शर्मा के मार्गदर्शन में मात्र एक माह के भीतर तैयार किया गया है।

स्पीडो विजन सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली अत्यंत सहज एवं प्रभावी है। यह लोकोमोटिव स्पीडोमीटर से प्राप्त डेटा की एक्सेल फाइल को सेकंडों में प्रोसेस कर ग्राफिकल रिपोर्ट तैयार करता है, जिसमें तारीख, समय, गति, दूरी, ब्रेकिंग पैटर्न, ओवरस्पीड, फील टेस्ट और ब्रेक पावर टेस्ट जैसी प्रमुख जानकारियाँ शामिल होती हैं। यह विश्लेषण पूर्णतया स्वचालित और त्रुटिरहित होता है, जिससे पहले की मैनुअल प्रक्रिया की तुलना में समय और संसाधनों की बड़ी बचत होती है।

भोपाल मंडल में प्रतिदिन औसतन 13 फ्लॉपी का विश्लेषण किया जाता है, और हर महीने करीब 400 स्पीडोमीटर डेटा को डाउनलोड कर लोको पायलट की कार्यशैली की समीक्षा की जाती है। यदि विश्लेषण में किसी प्रकार की चूक, गति सीमा का उल्लंघन या संचालन व्यवहार में असामान्यता पाई जाती है, तो संबंधित लोको पायलट को लोको निरीक्षकों द्वारा काउंसलिंग दी जाती है और आवश्यकतानुसार पुनः प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है।

जून 2025 में किए गए विश्लेषण में 400 में से केवल 8 मामलों में अनियमितता पाई गई, जिनको काउंसलिंग हेतु भेजा गया। वर्तमान में भोपाल मंडल में 747 लोको पायलट एवं 729 सहायक लोको पायलट कार्यरत हैं।

स्पीडो विजन की एक और विशेषता यह है कि तैयार विश्लेषण रिपोर्ट को तत्काल जीमेल, व्हाट्सएप या अन्य डिजिटल माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा किया जा सकता है, जिससे निगरानी प्रणाली और अधिक प्रभावशाली हो जाती है।

रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह तकनीक न केवल ट्रेन संचालन की सुरक्षा और विश्वसनीयता को सशक्त बनाएगी, बल्कि लोको पायलटों के प्रशिक्षण, दक्षता और जिम्मेदारी को भी नया आयाम देगी। आने वाले समय में इस मॉडल को भारतीय रेलवे के अन्य मंडलों में भी लागू करने की योजना है।

स्पीडो विजन: मुख्य विशेषताएं संक्षेप में

• लोको स्पीडोमीटर डेटा से ग्राफिकल विश्लेषण

• सेकंडों में रिपोर्ट तैयार

• सटीक, त्रुटिरहित और पूर्ण स्वचालित प्रक्रिया

• ओवरस्पीड, ब्रेकिंग पैटर्न, फील टेस्ट की निगरानी

• संचालन में पारदर्शिता और लोको पायलट की जवाबदेही सुनिश्चित

पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मंडल की यह तकनीकी उपलब्धि रेलवे सुरक्षा, जवाबदेही और डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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