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क्या होता 2 अगस्त को ???? अगर समय रहते ना पकड़ा जाता ड्रग्स का सौदागर……!!!

भोपाल: 24 जुलाई 2025

भोपाल में पुलिस ने हाई-प्रोफाइल ड्रग्स नेटवर्क का खुलासा किया है। यहां यासीन अहमद नाम का एक व्यक्ति पूरा ड्रग रैकेट चला रहा था। शुरुआती जांच में यासीन के तार कई राज्यों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। यासीन खुद को वीडियो जॉकी बताता था, लेकिन उसका असली धंधा नशे का था। वह 2 अगस्त को भोपाल में बड़ी पार्टी करने वाला था। हालांकि, इससे पहले ही पुलिस ने पूरे मामले का भंड़ाफोड़ कर दिया।

यासीन अहमद हाई प्रोफाइल पार्टियों में लड़कियों को मुफ्त में नशे कराता था और जब लड़कियों को इसकी लत लग जाती थी, तब उनसे मोटी रकम वसूलता था। यासीन ने खुद दो अगस्त की पार्टी का पोस्टर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया था। यासीन का नेटवर्क भोपाल के क्लब, बार और रेस्टोरेंट्स में फैल चुका था। वह महंगी वीआईपी पार्टियों में एमडी ड्रग्स, कोकीन और चरस सप्लाई करता था।

भोपाल क्राइम ब्रांच को एक मुखबिर के जरिए सब्जी मंडी टीन शेड के पास स्कूटी में ड्रग डीलिंग की खबर मिली थी। पुलिस की टीम तय स्थान पर पहुंची तो दो लड़के सैफुद्दीन और शाहरुख मिले। इनकी तलाश लेने पर 15 ग्राम एमडी ड्रग मिला। पुलिस ने एक स्कूटी और एक मोबाइल फोन के साथ दोनों लड़कों को गिरफ्तार कर लिया। जब्त किए गए ड्रग की कीमत करीब 3 लाख रुपये बताई जा रही है। इन लड़कों से पूछताछ में पुलिस को पूरे मामले की जानकारी मिली और अब पुलिस मुख्य आरोपी यासीन अहमद तक पहुंच चुकी है।

यासीन अहमद का गैंग हाई प्रोफाइल लड़कियों को निशाना बनाता था। वह बड़ी पार्टियों में लड़कियों को मुफ्त में नशे कराता था और जब वह आदी बन जाती थीं तो उनसे पैसे वसूलता था। आरोपी पार्टी, क्लब और जिम के माध्यम से युवाओं को फिटनेस और पार्टी कल्चर के नाम पर ड्रग्स का आदी बनाते थे। आरोप है कि लड़कियों को पहले मुफ्त में नशा करवा कर उनका शोषण किया जाता, ताकि वे क्लब पार्टियों का ‘आकर्षण केंद्र’ बन सकें। वहीं, कुछ डॉक्टरों द्वारा डिप्रेशन के इलाज के नाम पर भी युवाओं को गलत दवाइयों के जरिए नशे की लत लगाई जा रही थी। पुलिस के अनुसार ड्रग नेटवर्क में चेन मार्केटिंग की तरह काम हो रहा है। शुरुआत में युवाओं को मुफ्त में नशा कराया जाता है, फिर धीरे-धीरे महंगी कीमत पर ड्रग्स बेची जाती हैं। नशे के लिए पैसे जुटाने को मजबूर युवा फिर नए लोगों को जोड़कर खुद को ‘सर्वाइवल’ में रखते हैं।

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