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एम्स भोपाल में सफल नेत्र और त्वचा दान से मिली नई आशा

भोपाल: 16 जुलाई 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान जनसेवा और नवाचार के क्षेत्र में लगातार अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में 15 जुलाई 2025 को “हॉस्पिटल कॉर्नियल रिट्रीवल प्रोग्राम” के तहत एम्स भोपाल में एक सफल नेत्र एवं त्वचा दान संपन्न हुआ। मध्य प्रदेश निवासी 54 वर्षीय माधुरी विश्वरूप ने अपनी मृत्यु के बाद अपनी दोनों आंखें और त्वचा दान कीं, जिससे नेत्रहीनों को दृष्टि और झुलसे मरीजों को राहत मिल सके। उनके पति और भतीजे ने यह नेत्रदान खुशी-खुशी करवाया, यह कहते हुए कि वे चाहते हैं कि “उनकी पत्नी और बुआ जी किसी की आंखों में जीवित रहें।” नेत्र रोग विभाग इस महान कार्य हेतु समर्पित है। विभाग की प्रमुख का कहना है कि दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान करना किसी भी दिवंगत व्यक्ति द्वारा छोड़ी गई सबसे महान विरासतों में से एक है। उन्होंने इस कार्य में जुटी अपनी नेत्र बैंक टीम पर गर्व व्यक्त किया।

इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “नेत्र एवं त्वचा दान न केवल नेत्रहीनों और गंभीर रूप से झुलसे मरीजों के लिए आशा की किरण है, बल्कि यह दर्शाता है कि मृत्यु के बाद भी कोई व्यक्ति दूसरों के जीवन में रोशनी भर सकता है। एम्स भोपाल ऐसे मानवीय प्रयासों का सशक्त स्तंभ बना हुआ है, और हम दानदाता परिवार की उदारता एवं साहस को नमन करते हैं।” एम्स भोपाल, माधुरी विश्वरूप के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना और आभार व्यक्त करता है। उनका यह निर्णय न केवल कई लोगों की जिंदगी में रोशनी लाएगा, बल्कि समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता और प्रेरणा भी फैलाएगा।

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