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एम्स भोपाल द्वारा आमला, बैतूल में निःशुल्क सिकल सेल जांच एवं जागरूकता शिविर, 24.7% प्रतिभागी पॉजिटिव पाए गए

भोपाल: 10 जुलाई 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान सतत रूप से चिकित्सा उत्कृष्टता को सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा से जोड़ रहा है। इसी कड़ी में, एम्स भोपाल तथा मध्य प्रदेश थैलेसीमिया जन जागरण समिति के संयुक्त तत्वावधान में 28 जून 2025 को आमला तहसील के बोदरझी स्थित पैराडाइज स्कूल में एक दिवसीय निःशुल्क सिकल सेल स्क्रीनिंग एवं जनजागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चला, जिसका उद्देश्य गंभीर आनुवंशिक रक्त विकारों जैसे सिकल सेल एनीमिया व बीटा थैलेसीमिया के प्रति जनसामान्य को जागरूक करना एवं निःशुल्क परीक्षण की सुविधा उपलब्ध कराना था। सिकल सेल एक वंशानुगत रक्त विकार है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी अनजाने में फैलता रहता है। समय पर जांच और जानकारी से इस रोग की रोकथाम संभव है। शिविर में कुल 169 लोगों की पॉइंट-ऑफ-केयर टेस्ट के माध्यम से जांच की गई, जिनमें 101 बाल रोगी एवं 68 वयस्क शामिल थे। इनमें से 44 लोग (लगभग 24.7%) प्रारंभिक परीक्षण में पॉजिटिव पाए गए, जिन्हें एम्स भोपाल के पैथोलॉजी विभाग में एचपीएलसी कन्फर्मेटरी जांच के लिए भेजा गया। जांच में 28 लोग (लगभग 16%) सिकल सेल ट्रेट से ग्रसित पाए गए, जबकि 14 लोग (लगभग 7.8%) सिकल सेल डिजीज के रोगी पाए गए। इसके अतिरिक्त, दो प्रतिभागी बीटा थैलेसीमिया से पीड़ित पाए गए। ये परिणाम मध्य प्रदेश के उच्च-प्रसार क्षेत्रों में स्क्रीनिंग की महत्ता को दर्शाते हैं। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस शिविर में की गई सभी जांचों में आने वाला खर्च राज्यपाल भवन से प्राप्त सहयोग से वहन किया गया, जिससे यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क रूप से उपलब्ध हो सकी।

कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “आज भी सिकल सेल प्रभावित क्षेत्रों में जांच और इलाज की सुविधा दुर्लभ है। ऐसे शिविरों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाई जा सकती है। एम्स भोपाल लगातार इन क्षेत्रों में रोगियों की पहचान, जांच और काउंसलिंग कर रहा है ताकि इस आनुवंशिक रोग की श्रृंखला को समय पर तोड़ा जा सके।” इस शिविर में विशेष अतिथि के रूप में डॉ. गौरव ढींगरा (MD, DNB, हेमेटोलॉजिस्ट), डॉ. वैशाली वाल्के (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, पैथोलॉजी विभाग), डॉ. दानिश जावेद (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) एवं डॉ. योगेन्द्र सिंह यादव (विशेषज्ञ प्रोफेसर, बाल रोग विभाग) उपस्थित रहे। एम्स भोपाल की लगभग 16 सदस्यों की चिकित्सकीय टीम इस शिविर में पहुंची और रोग की पहचान, उपचार और जन-जागरूकता की दिशा में प्रभावी कार्य किया।

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