क्षेत्रीय प्रशिक्षण और जागरूकता के माध्यम से चिकित्सा उपकरण सुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है एम्स भोपाल

भोपाल: 22 जुलाई 2025
कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के सक्षम नेतृत्व में एम्स भोपाल जनस्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाने हेतु निरंतर प्रभावशाली पहल कर रहा है। मरीजों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण देखभाल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत, एम्स भोपाल में स्थापित मेटेरियोविजिलेंस के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र ने चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा पर आधारित एक क्षेत्रीय क्षमता संवर्धन कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 19 जुलाई 2025 को एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा “उपकरणों की निगरानी के माध्यम से मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना” विषय पर निरंतर चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत “रिपोर्टिंग उपकरण और प्लेटफॉर्म एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए केस आधारित चर्चाओं के माध्यम से एमडीएई फॉर्म भरने का व्यावहारिक प्रशिक्षण” विषय पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। यह सत्र एम्स भोपाल स्थित केंद्र की समन्वयक डॉ. शिल्पा कौर, प्रोफेसर द्वारा लिया गया, जिसमें चिकित्सा उपकरणों से संबंधित प्रतिकूल घटनाओं (MDAE) की रिपोर्टिंग की व्यावहारिक जानकारी पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रशिक्षण सत्र में वास्तविक मामलों पर आधारित इंटरैक्टिव चर्चा आयोजित की गई, जिसमें कारण निर्धारण, मूल कारण विश्लेषण एवं नियामक प्रक्रियाओं को शामिल किया गया। इस कार्यक्रम में चिकित्सकों, पीजी छात्रों, नर्सिंग स्टाफ, फार्मेसी प्रोफेशनल्स और बायोमेडिकल इंजीनियर्स सहित विभिन्न क्षेत्रों के स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए।
इस पहल की सराहना करते हुए प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा मरीजों की देखभाल की एक महत्वपूर्ण आधारशिला है, और स्वास्थ्य पेशेवरों का सतत प्रशिक्षण प्रतिकूल घटनाओं की समय पर पहचान और रिपोर्टिंग के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहलों में स्वास्थ्य पेशेवरों की भागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है, विशेष रूप से चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकॉल को सुदृढ़ करने की दिशा में।”