एम्स भोपाल में समय पर अंग संरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल: ऑपरेशन थिएटर में हुआ पहला पोस्टमॉर्टम

भोपाल: 28 मई 2025
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सड़क दुर्घटना में घायल 58 वर्षीय पुरुष मरीज के अंगों को सफलतापूर्वक संरक्षित और प्राप्त किया। इस प्रक्रिया में संस्थान के इतिहास में पहली बार ऑपरेशन थिएटर के भीतर पोस्टमॉर्टम किया गया, जिससे अंगदान की प्रक्रिया को तेज़ी से और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए पूरा किया जा सका। यह मरीज एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसमें उसकी दोपहिया वाहन और एक कार के बीच टक्कर हुई थी। 28 मई 2025 को तड़के 2:26 बजे मरीज को ब्रेन डेड घोषित किया गया। परिजनों की सहमति से अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। चूंकि यह एक मेडिकोलीगल मामला था, इसलिए मृत्यु के कारण की पुष्टि हेतु अनिवार्य पोस्टमॉर्टम किया जाना आवश्यक था। पहली बार एम्स भोपाल में यह पोस्टमॉर्टम ऑपरेशन थिएटर में ही किया गया, जिससे अंगों के संरक्षित रहने और शीघ्रता से दान की प्रक्रिया में सहायता मिली।
फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग की टीम ने यह कार्य कुशलता से संपन्न किया, जिसका नेतृत्व प्रो. (डॉ.) रघवेंद्र कुमार विदुआ ने किया। इस टीम में डॉ. अतुल केचे (अतिरिक्त प्रोफेसर), डॉ. संगीता एम (सीनियर रेज़िडेंट), डॉ. दीक्षा छाबड़ा, डॉ. सशिकांत साहू, डॉ. तापीस कुमार (जूनियर रेज़िडेंट्स) तथा श्री जितेन्द्र कुमार (तकनीकी सहायक) शामिल थे। उन्होंने सीटीवीएस, एनेस्थीसिया तथा यूरोलॉजी विभागों की अंग प्राप्ति टीमों के साथ समन्वय कर इस जटिल प्रक्रिया को सफलता पूर्वक पूर्ण किया। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “यह घटना विभिन्न विभागों के समर्पण और समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। ऑपरेशन थिएटर में पोस्टमॉर्टम की यह पहल एक नई दिशा प्रदान करती है, जिससे अंगों को समय रहते सुरक्षित कर कई ज़िंदगियों को बचाया जा सकता है। हम भविष्य में ऐसे और अधिक अंगदान को संभव बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।”